गोरखपुर। भाजपा की चार सदस्यीय केंद्रीय समिति यूपी के ब्राह्मण मतदाताओं का भरोसा एक बार फिर जीतेगी। समिति का प्रमुख पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री व राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला को बनाया गया है। समिति के सदस्य जिलों, फिर अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जाकर ब्राह्मणों के हित वाली उपलब्धियां गिनाएंगे। बताएंगे कि भाजपा के टिकट पर जीतकर 67 ब्राह्मण विधायक विधानसभा लखनऊ पहुंचे हैं।
राज्यसभा में ही यूपी कोटे के पांच ब्राह्मण सांसद हैं। लिहाजा, विपक्ष के किसी बहकावे में न आएं। भाजपा में ही ब्राह्मणों का असली हित सुरक्षित है। यूपी भाजपा के ब्राह्मण सांसद व मंत्रियों ने कुछ दिन पहले नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की, फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव में जीत की रणनीति बनाई थी।
अब भाजपा की राष्ट्रीय इकाई ने चार सदस्यीय समिति बनाकर विपक्ष को करारा जवाब देने का फैसला किया है। गोरखपुर के शिव प्रताप शुक्ला को समिति का अध्यक्ष और नोएडा से भाजपा सांसद डॉ. महेश शर्मा, गुजरात से राज्यसभा सांसद राम भाई और भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री अभिजीत मिश्रा को सदस्य बनाया गया है। इसकी पहली बैठक भी गुरुवार को लखनऊ में हुई है।
देर शाम गोरखपुर पहुंचे शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि अब विपक्ष के हर झूठ का करारा जवाब दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली भाजपा सरकार लगातार जनकल्याण का काम कर रही है। निशुल्क राशन वितरित किया जा रहा है। इससे किसी भी जाति-धर्म के लोगों को वंचित नहीं किया जा रहा है। ब्राह्मणों को भी हर लाभ मिल रहा है।
सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण, भाजपा सरकार ने दिया है। किसान सम्मान निधि का लाभ सबको मिल रही है। आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक आया तो सपा, बसपा और कांग्रेस को ब्राह्मण याद आ रहे हैं। विपक्ष के हर झूठ का तथ्यों के साथ जवाब देने का समय आ गया है। जल्द ही विपक्ष का जवाब देने के लिए, हर जिले या फिर हर विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया जाएगा। भाजपा ही सबसे ज्यादा ब्राह्मणों को टिकट देती है। यूपी में ही 67 ब्राह्मण विधायक हैं।
ब्राह्मणों का भरोसा जीतने में कामयाब है भाजपा
समिति के प्रमुख शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि 2014, 2019 के लोकसभा, 2017 के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों का आशीर्वाद भाजपा को मिला था। यही आगे भी होगा। ब्राह्मणों का भरोसा जीतने में भाजपा कामयाब रही है। गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संत हैं। राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए विपक्ष गलत बयानबाजी कर रहा है, लेकिन जनता को सब पता है।
ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने की मची है होड़
यूपी चुनाव से पहले ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने की होड़ मची है। बसपा, अलग-अलग सम्मेलनों के जरिए ब्राह्मण मतदाताओं को साधने का प्रयास कर रही हैं। बसपा में इसकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा को मिली है। दूसरी तरफ सपा ने भी ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए पूर्वांचल के वयोवृद्ध बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे व पूर्व सांसद कुशल तिवारी, विधायक विनय शंकर तिवारी और विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय को पार्टी में शामिल किया है।
इस बहाने ब्राह्मण मतदाताओं को साथ लाने का प्रयास है। इसी का नतीजा है कि भाजपा ने भी पूर्वांचल के प्रमुख ब्राह्मण चेहरे शिव प्रताप शुक्ला को मैदान में उतार दिया है। शिव प्रताप शुक्ला 1989 से 2002 तक गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने। अब राज्यसभा सांसद हैं। मोदी सरकार 01 में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। अब राज्यसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक हैं।
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