उज्जैन। अंतत: पंचायत चुनाव को निरस्त करने की घोषणा राज्य निर्वाचन आयोग ने कर दी। उसके पहले विधि विशेषज्ञों से भी राय ली, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में प्रचलित भी है। यही कारण है कि आयोग ने अपने आदेश में भी विधि की वर्तमान स्थिति का खुलासा किया है। हालांंकि पंचायत चुनावों की उज्जैन सहित प्रदेशभर में तैयारी हो गई थी और लाखों-करोड़ों रुपए भी खर्च हो गए। उज्जैन में ही 30 से 40 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है, क्योंकि मतपत्रों की छपाई, पहले चरण का प्रशिक्षण, वाहनों को अटैच करने से लेकर स्टेशनरी और अन्य कई खर्चे करना पड़े। प्रत्याशियों द्वारा जमा की गई जमानत राशि को भी वापस लौटाया जाएगा, वहीं संयुक्त संचालक योजना और आर्थिक सांख्यिकी पीसी परस्ते के मुताबिक आयोग द्वारा पंचायत चुनाव निरस्त किए जाने के चलते 29 दिसम्बर और 2 जनवरी को जो प्रशिक्षण आयोजित किया गया था, उसे भी निरस्त कर दिया गया है।
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