पटना। बिहार सरकार (Bihar government) में बीजेपी कोटे से मंत्री नीरज सिंह बबलू (Minister Neeraj Singh Bablu) के एक बयान के बाद जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने नीतीश सरकार को गिराने की धमकी दे दी। इसके बाद भाजपा (Bjp) के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (Rajya Sabha MP Sushil Modi) डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। उन्होंने कहा है कि जीतन राम मांझी सीनियर नेता हैं। उन पर घटक दलों की ओर से कोई बयानबाजी नहीं होनी चाहिए।
दरअसल, ब्राह्मणों को गाली देने और फिर डैमेज कंट्रोल के रूप में जब मांझी सोमवार को ब्राह्मण भोज करा रहे थे तब उसी वक्त बीजेपी नेता और मंत्री नीरज कुमार बबलू उन पर ताबड़तोड़ हमला कर रहे थे और उन्हें राजनीति से संन्यास लेने की राय दे रहे थे।
बीजेपी कोटे से मंत्री नीरज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया मगर ऐसा लगता है कि मांझी पर अब उम्र का दुष्प्रभाव हो रहा है. मांझी को समझना चाहिए कि उनका बेटा भी नीतीश कुमार सरकार में मंत्री है और इस प्रकार के अनाप-शनाप बयान से उन्हें बचना चाहिए. मांझी को राजनीति से संन्यास लेकर राम नाम जपना चाहिए।
नीरज के बयान के बाद मांझी ने नीतीश सरकार गिराने की धमकी दी
नीरज बबलू के इसी बयान से मांझी की पार्टी इतनी आग बबूला हो गई कि उन लोगों ने अपने 4 विधायकों के सहयोग से चलने वाली नीतीश कुमार सरकार को गिरा देने तक की धमकी दे दी। हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि जीतन राम मांझी को नीरज बबलू की सलाह की कोई जरूरत नहीं है. नीरज बबलू को ध्यान रखना चाहिए कि अगर मांझी ने अपने 4 विधायकों का समर्थन सरकार से हटा लिया तो नीरज बबलू मंत्री भी नहीं रहेंगे और सड़क पर आ जाएंगे. नीरज बबलू को बयानबाजी करने से पहले 20 बार सोचना चाहिए।
अब डैमेज कंट्रोल में आए सुशील मोदी
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा द्वारा दी गई धमकी के बाद बीजेपी को जैसे सांप सूंघ गया और वह पूरे तरीके से बैकफुट पर आ गई है. बीजेपी के तरफ से पूरे विवाद पर डैमेज कंट्रोल के लिए पूर्व उप मुख्यमंत्री और पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी सामने आए।
सुशील मोदी ने ट्वीट कर मांझी को सीनियर नेता बताया और याद दिलाया कि जब भाजपा नेता गजेंद्र झा ने मांझी की जुबान काटने की धमकी दी थी तो पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था और संदेश दिया था कि दलित समाज को धमकाने या अपमानित करने वालों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सुशील मोदी ने कहा कि जीतन राम मांझी के गाली देने के मामले को तूल दिया गया था, उस पर मांझी ने खुद माफी मांग ली थी और फिर सोमवार को अपने आवास पर ब्राह्मणों को सम्मान दिया और भोजन कराया जिसके बाद यह पूरा विवाद बंद हो जाना चाहिए।
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