उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे जहाँ एक ओर मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर निगरानी रख रहे हैं, वहीं यहाँ कार्यरत सुरक्षा व अन्य कर्मचारियों से लेकर पुजारियों और उनके प्रतिनिधियों के भ्रष्टाचार को भी समय-समय पर उजागर कर रहे हैं। श्रद्धालु से रुपये लेते कैमरे में कैद हुए ऐसे ही एक पुजारी प्रतिनिधि को कलेक्टर ने निलंबित किया है। महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने तथा भीड़ नियंत्रण की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इनके जरिये स्थापित कंट्रोल रूम की स्क्रीन पर मंदिर के गर्भगृह से लेकर विभिन्न प्रवेश द्वारों और प्रांगण तक के सीधे प्रसारण की व्यवस्था है।
सीसीटीवी कैमरे के जरिये ही मंदिर प्रशासन से जुड़े अधिकारी प्रमुख पर्वों और त्यौहारों पर भीड़ की निगरानी करते हैं और कैमरे देखकर ही गर्भगृह में प्रवेश बंद करने और शुरु करने का निर्णय लेते हैं। यही सीसीटीवी कैमरे मंदिर में कार्यरत सुरक्षा व अन्य कर्मचारियों से लेकर मंदिर के पुजारी और उनके प्रतिनिधियों द्वारा श्रद्धालुओं से दर्शन कराने के नाम पर रुपए लेने की घटनाएँ भी कई बार पकड़ी गई हैं। ऐसे ही एक मामले में मंदिर समिति ने एक पुजारी प्रतिनिधि को निलंबित किया है। मिली जानकारी के मुताबिक 26 दिसंबर को महाकाल दर्शन करने आए एक श्रद्धालु ने गर्भगृह में लगी दानपेटी में भेंट राशि डालने के लिए पुजारी प्रतिनिधि प्रमोद शर्मा को 11 हजार रुपए दिए थे। यह राशि प्रतिनिधि शर्मा ने दान पेटी में डालने की बजाय खुद की जेब में रख ली थी। श्रद्धालु की शिकायत पर प्रशासक गणेश धाकड़ ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले थे और पुजारी प्रतिनिधि की करतूत उजागर हो गई थी। उस दौरान निरीक्षक मुकेश गुजराती व कमल जोशी कर्मचारी भी मौजूद थे जो रुपयों का लेनदेन करते कैमरे में कैद हुए थे। पूरे मामले की जाँच कलेक्टर द्वारा करने के बाद पुजारी प्रतिनिधि शर्मा को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए। इसके पहले दोनों कर्मचारियों को भी मंदिर समिति निलंबित कर चुकी है।
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