उज्जैन। स्वास्थ्य विभाग ने कल शाम जिले में कोरोना संदिग्धों के 990 सेम्पलों की जाँच रिपोर्ट का खुलासा किया। इसमें एक भी नया मरीज सामने नहीं आया। 7 दिन बाद कोरोना के नए केस नहीं मिलने से स्वास्थ्य विभाग ने राहत महसूस की है। इधर विदेश यात्रा कर शहर आ रहे लोगों को आईसोलेशन सेंटर में रखने की व्यवस्था अभी भी शुरु नहीं हुई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले एक हफ्ते से लगातार शहर में कोरोना के नए केस आ रहे थे। परंतु कल शाम आई 990 नमूनों की रिपोर्ट में सभी संदिग्ध नेगेटिव पाए गए। हालांकि इसके बावजूद अभी भी अस्पताल में 18 मरीजों का उपचार चल रहा है और दो मरीज होम आईसोलेशन में रखे गए हैं। हैरत की बात यह है कि 15 दिन में आने वाली जिनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट भी अभी तक किसी मरीज की नहीं आई है। यही कारण है कि अब तक मिले 20 पॉजीटिव मरीज में से नए वेरिएंट ओमिक्रोन का संक्रमण किसे हुआ है यह स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही। उल्लेखनीय है कि अभी तक पॉजीटिव आए 20 मरीजों में से 7 मरीज ऐसे हैं जो विदेश यात्रा कर लौटे हैं और संक्रमित पाए गए हैं। जबकि 4 मरीज ऐसे हैं जिनकी देश-प्रदेश में ट्रेवल हिस्ट्री निकली है। इसके विपरित 9 मरीज ऐसे हैं जो संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने के बाद कोरोना पॉजीटिव हुए हैं।
टेस्ट के बाद भेज रहे घर या अस्पताल
उल्लेखनीय है कि जब शुरुआती दौर में कोरोना आया था तो विदेश से आने वाले लोगों को 14 दिन तक आईसोलेशन सेंटर में कोरोन्टाईन किया जा रहा था। इसके लिए हामूखेड़ी में अलग से कोरोन्टाईन सेंटर बनाया गया था। कई राज्यों में हाल ही में ओमिक्रोन के नए केस सामने आने के बाद विदेश यात्रा कर लौट रहे नागरिकों को 7 दिन के लिए आईसोलेशन सेंटरों में कोरोन्टाईन रखा जा रहा है। चाहे उनकी प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट नेगेटिव ही क्यों न आई हो। इधर उज्जैन में अभी तक कोरोन के 20 नए मामले सामने आए हैं और 7 मरीज ऐसे हैं जो विदेश यात्रा के बाद पॉजीटिव पाए गए हैं। बाहर या विदेश से आ रहे लोगों की इंदौर एयरपोर्ट की सूचना पर कोरोना जाँच की जा रही है। अगर प्रारंभिक जाँच में ऐसे लोग नेगेटिव मिल रहे हैं तो उन्हें घर भेजा जा रहा है और पॉजीटिव आने पर अस्पताल या होम आईसोलेशन में रखकर उपचार किया जा रहा है।
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