भोपाल। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) आई बैकफुट पर। राज्य सरकार ने अब पंचायत चुनाव (Panchayat Election) पर रोक लगाने का फैसला किया है। शिवराज कैबिनेट (shivraj cabinet) ने इस संबंध में ”पेश प्रस्ताव” (offer offer) को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) पर रोक लगाते हुए पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों के लिए दोबारा नोटिफिकेशन (Notification) जारी करने के निर्देश दिए थे।
इस बीच केंद्र सरकार (central government) ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया और मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव (Madhya Pradesh Panchayat Election) के संबंध में उसके 17 दिसंबर के आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि जमीनी स्तर के शासन में निर्वाचित निकायों में समुदाय का पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किए बिना चुनाव कराना संविधान के जनादेश के विपरीत है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी सुझाव दिया है कि वैकल्पिक रूप से सुप्रीम कोर्ट चार महीने के लिए चुनाव टाल सकता है। और तीन महीने के भीतर आयोग से रिपोर्ट (Report) मांग सकता है। जो पहले से ही पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित सीटों (reserved seats) की पहचान करने में लगा हुआ है।
ओबीसी समुदाय (OBC community) के लिए जब तक आरक्षित सीटों के साथ चुनाव नहीं होते, तब तक प्रशासकों को एक गैप अरेंजमेंट (gap arrangement) के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 17 दिसंबर के आदेश पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि अदालत के लिए ऐसे चरण में हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं थी, जब ओबीसी समुदाय से संबंधित लोगों के प्रतिनिधित्व के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। राज्य की त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव (three-tier panchayat elections) के लिए अगले साल 6 जनवरी, 28 जनवरी और 16 फरवरी को मतदान तीन चरणों में होने थे, लेकिन 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग को स्थानीय निकाय में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया रोकने और उन सीटों को सामान्य वर्ग के लिए फिर से अधिसूचित करने का निर्देश दिया था। उच्चतम न्यायालय का यह निर्णय भोपाल जिला पंचायत के अध्यक्ष कांग्रेस नेता मनमोहन नागर (President Congress leader Manmohan Nagar) की याचिका पर आया था।
मध्य प्रदेश कैबिनेट (Madhya Pradesh Cabinet) ने पंचायत चुनाव अधिनियम के तहत पिछले महीने जारी अपने अध्यादेश को रविवार को निरस्त कर दिया एवं संबंधित प्रस्ताव के वास्ते राज्यपाल के पास भेजे जाने की मंजूरी दी। राज्यपाल (Governor) द्वारा इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाने के बाद मध्य प्रदेश सरकार राज्य निर्वाचन आयोग को सभी वर्गों के इन चुनावो को निरस्तीकरण के लिए निर्देश दिए जा सकते हैं, जिससे ये चुनाव टल जाएंगे।
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