उज्जैन। चुनावी रैलियों से लेकर तमाम भीड़ भरे राजनीतिक, धार्मिक और अन्य आयोजन लगातार हो रहे हैं। दूसरी तरफ अचानक मुख्यमंत्री ने रात के कफ्र्यू की घोषणा कर दी। रात 11 से सुबह 5 बजे तक कफ्र्यू को लागू भी कर दिया गया है। पहले शासन, फिर प्रशासन ने इस संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए। जनता का सवाल यह है कि दिन में भीड़ भरे आयोजन हो रहे हैं, तो आधी रात के कफ्र्यू लगाने की नौटंकी क्यों की जा रही है..? कोरोना के बढ़ते मामलों ने क्रिसमस पर्व की खुशियाँ कम कर दी है। नाईट कफ्र्यू के कारण रात 11 बजे बाद कार्तिक मेले में भी सन्नाटा पसरने लगा है। आगामी दिनों में होने वाले आयोजनों पर भी इसका असर पड़ेगा। क्रिश्चयन समाज आज प्रभु यीशु का जन्मदिन मना रहा है। इसके लिए एक दिन पहले देवास रोड स्थित केथोलिक चर्च और मसीही मंदिर में जन्म विधि की पूरी तैयारियाँ की गई थी। पूर्व में तय कार्यक्रम के अनुसार बीती रात 12 बजे प्रभु यीशु का जन्म होना था और इसके बाद प्रार्थना व अन्य धार्मिक आयोजन होने थ। परंतु रात्रि 11 बजे से नाईट कफ्र्यू का आदेश आने के बाद इस कार्यक्रम में फेरबदल किया गया। कल शाम 7 बजे से ही प्रभु यीशु का जन्म कार्यक्रम मना लिया गया और चर्च परिसर में आयोजन की अन्य विधियाँ रात साढ़े 9 बजे तक पूरी कर ली गई और लोग अपने-अपने घर चले गए।
फादर वडक्कल सेबास्टियन ने बताया कि कोरोना के खतरे को देखते हुए तथा जिला प्रशासन की गाईड लाईन के अनुरूप क्रिसमस पर्व के आयोजन में फेरबदल किया गया। आज भी क्रिसमस के अवसर पर चर्च में सुबह हुई प्रार्थना और शाम को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन में भी कोरोना गाईड लाईन का पालन किया जाएगा और उसी के अनुरूप समाजजन क्रिसमस का त्यौहार मनाएँगे। इधर कार्तिक मेले में मेला अवधि सोमवार तक बढऩे के बाद यहाँ शाम से देर रात तक लोगों की भीड़ उमडऩे लगी थी। परंतु रात्रिकालीन कफ्र्यू के आदेश के बाद अब कार्तिक मेले में रात 10 बजते ही दुकानें और अन्य मनोरंजन के साधन बंद किए जा रहे हैं। रात 11 बजे तक तो मेले में कल से सन्नाटा पसरने लगा है। इसी तरह महाकालेश्वर मंदिर में भले ही भस्मारती एवं शयन आरती में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया है परंतु मंदिर में सशुल्क दर्शन वालों को प्रवेश दिया जा रहा है, जबकि आम श्रद्धालुओं की हरसिद्धि चौराहा से आगे चारधाम मंदिर तक लंबी कतार लगवाई जा रही है। दिन में इस तरह के आयोजनों को छूट दी जा रही है। दूसरी ओर रात में कफ्र्यू की नौटंकी हो रही है। व्यापारियों का कहना है कि इस आधे अधूरे प्रतिबंध के कारण उन्हें व्यवसायिक तौर पर नुकसान उठाना पड़ रहा है। कल रात मेले के व्यापारियों की भी यही शिकायत रही।
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