नयी दिल्ली। पूर्व बीएसएफ जवान (ex bsf jawan) तेज बहादुर यादव (Bahadur Yadav)ने लखीमपुर (Lakhimpur) हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Chief Minister Keshav Prasad Maurya) की संलिप्तता की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)में एक जनहित याचिका दायर की है। वकील प्रदीप कुमार यादव और संजीव मल्होत्रा (Sanjeev Malhotra) के माध्यम से दायर इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court in petition)द्वारा गठित एसआईटी को केंद्रीय मंत्री मिश्रा और यूपी के उप मुख्यमंत्री मौर्य को आरोपी बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता ने मामले में गृह राज्य मंत्री (state home minister) को आरोपी बनाने की मांग करते हुए कहा है कि मंत्री (Minister)ने पीड़ितों को घटना से कुछ दिन पहले धमकी दी थी। याचिका में दावा किया गया है कि मंत्री ने कहा था कि आप भी किसान हैं। यहां आंदोलन क्यों नहीं फैला? ये 10-15 लोग हैं। अगर मैं कार से नीचे उतर जाता तो उनके पास बचने का कोई रास्ता नहीं होता। 10-15 लोग पर्दे के पीछे से काम कर रहे हैं और शोर मचा रहे हैं। अगर कृषि कानून खराब थे तो आंदोलन पूरे देश में फैल जाना चाहिए था। यह क्यों नहीं फैला? मैं ऐसे लोगों को सुधरने के लिए कहता हूं। अन्यथा हम आपको सही करेंगे। केवल दो मिनट लगेंगे। इसके अलावा याचिका में आईपीसी की धारा- 149 (गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य समान उद्देश्य के लिए किए गए अपराध का दोषी) का हवाला देते हुए कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री मिश्रा, पूर्व नियोजित तरीके से हुई किसानों और पत्रकारों की हत्या में शामिल थे, इसलिए एसआईटी को मामले में मिश्रा को आरोपी बनाना चाहिए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि गृह राज्य मंत्री ने योजना के क्रियान्वयन के लिए अपने बेटे को भेजा था।
तीन अक्टूबर को कई किसान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर खीरी जिले की यात्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तब चार किसान एक एसयूवी द्वारा कुचले जाने के बाद मारे गए थे। वह एसयूवी कथित तौर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के काफिले का हिस्सा थी। हाल ही में लखीमपुर खीरी हिंसा की घटना की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने लखीमपुर की स्थानीय अदालत के समक्ष कहा था कि घटना के दौरान मौजूद लोगों को मारने की साजिश रची गई थी। एसआईटी ने केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोपों को संशोधित करने के लिए अदालत के समक्ष प्रार्थना की है। मालूम हो कि याचिकाकर्ता तेज बहादुर यादव ने इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर वर्ष 2019 में वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन को चुनौती दी थी, हालांकि कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी।
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