इंदौर। कान्ह नदी (Kanh River) का पानी क्षिप्रा (shipra) में मिलता है, लेकिन पिछले दिनों अशुद्ध पानी मिलने के कारण क्षिप्रा का पानी भी गंदा (Dirty) हो गया, जहां पर श्रद्धालुओं से लेकर साधु-संत स्नान करते हैं। लिहाजा उज्जैन के साधु-संतों ने क्षिप्रा शुद्धिकरण (shipra purification) के लिए जो धरना दिया जा रहा था उसके मद्देनजर इंदौर (In view of Indore) आकर कान्ह नदी में मिलने वाले गंदे पानी की जानकारी लेना तय किया और आज कई साधु-संत इंदौर भी पहुंचे और देवास (dewas) का भी दौरा करेंगे। उन उद्योगों की जानकारी भी अधिकारियों से ली जाएगी जिनका दूषित पानी (contaminated water) पहले कान्ह में, उसके बाद क्षिप्रा में मिल रहा है।
निगम और प्रशासन (Corporation and Administration) के अधिकारी इन साधु-संतों की अगवानी और उन्हें जानकारी देने के लिए पहुंचे भी। वहीं कलेक्टर मनीष सिंह ने भी कान्ह नदी में मिलने वाली अशुद्धियों की जांच के लिए 6 अफसरों की कमेटी का गठन भी कर दिया और 144 के तहत आदेश भी जारी किए हैं, जिसमें उन उद्योगों को बंद करवाया जाएगा जिनका दूषित पानी कान्ह नदी में मिल रहा है।इंदौर नगर निगम ने भी वॉटर प्लस-प्लस हासिल करने के लिए कान्ह और सरस्वती नदी को शुद्ध करने का अभियान शुरू किया गया और एक हिस्सा उसका साफ किया गया और नालों को भी सुखाया। हालांकि फिर उनमें गंदा पानी बहने लगा है।
कान्ह नदी का पानी जो आगे जाकर क्षिप्रा में मिलता है उसमें अशुद्धि के संबंध में साधु-संतों के साथ मीडिया के जरिए भी जानकारी सामने आने पर कलेक्टर मनीष सिंह ने 6 अधिकारियों की टीम जांच के लिए बना दी, जो 10 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। एडीएम पवन जैन की अध्यक्षता में बनाई इस कमेटी को यह अधिकार भी दिए हैं कि वह ऐसी फैक्ट्रियों (factories) के खिलाफ प्रदूषण नियंत्रण के तहत कार्रवाई करें और जरूरत पडऩे पर रिमूव्हल की कार्रवाई भी की जाए। कान्ह नदी में प्रवाहित होने वाला जल क्षिप्रा में मिलता है, जहां कई अवसरों पर पवित्र स्नान भी होते हैं।
अभी पिछले दिनों क्षिप्रा शुद्धिकरण को लेकर साधु-संतों ने उज्जैन (Ujjain) में धरना भी दिया और अभी प्रशासन की सलाह पर वे आज इंदौर (Indore) भी पहुंचे। लगभग दो दर्जन साधु-संत उज्जैन से आकर आज इंदौर और देवास का दौरा करेंगे। इंडस्ट्रीयल एरिया (industrial area) में भी जाकर देखेंगे कि किन उद्योगों का पानी छोड़ा जा रहा है और भानगढ़ ट्रीटमेंट प्लांट का भी अवलोकन करेंगे। निगम के अपर आयुक्त संदीप सोनी और एडीएम पवन जैन सहित अन्य अधिकारी इन साधु-संतों की अगवानी के लिए पहुंचे और उन्हें कान्ह नदी का दौरा करवाने के साथ शुद्धिकरण के संबंध में किए जा रहे उपायों की जानकारी भी देंगे और ट्रीटमेंट प्लांट भी दिखाएंगे, जहां पानी शुद्ध करने के बाद छोड़ा जा रहा है। दरअसल साधु-संत इंदौर, उज्जैन, देवास कलेक्टरों को भी एक रिपोर्ट तैयार कर देंगे, जिसमें क्षिप्रा में दूषित पानी कैसे और कहां से मिल रहा है उसकी हकीकत बताई जाएगी।
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