इंदौर। नए लैंड पुलिंग एक्ट (new land pulling act) के तहत इंदौर विकास प्राधिकरण (Indore Development Authority) ने पिछले दिनों शासन की मंजूरी के बाद पांच योजनाएं टीपीएस (Schemes TPS) के तहत घोषित की, जिन पर दावे-आपत्तियां भी 6 दिसम्बर तक ली गईं। लगभग 600 आपत्तियों (objections)की छंटनी के बाद उन पर निर्णय लेने के लिए प्राधिकरण सीईओ ने 4 अधिकारियों की एक कमेटी भी बना दी है, जिसकी पहली बैठक आज दोपहर डेढ़ बजे प्राधिकरण दफ्तर में बुलाई गई है। 1732 एकड़ की इन योजनाओं के प्रारूप प्रकाशन के बाद ये आपत्तियां प्राप्त हुई हैं, जिसके लिए प्राधिकरण ने रंग-बिरंगे नक्शे भी तैयार करवाए। जमीन मालिकों-किसानों (owners-farmers) को 50 प्रतिशत जमीन वापस लौटाई जाएगी और उनकी जमीन की क्या स्थिति है, इसकी भी जानकारी नक्शे में दर्शाई गई है।
कई जमीन मालिकों ने यह भी आपत्ति लगाई कि नगर तथा ग्राम निवेश से लेकर अन्य विभागों से अनुमति मिल गई है। बावजूद इसके उनकी जमीनें योजना में शामिल कर ली गईं। प्राधिकरण का कहना है कि मंजूर अभिन्यास और अन्य दस्तावेजों (documents) के अध्ययन के बाद उपयुक्त आपत्ति पाई जाने पर जमीन को योजना से मुक्त भी किया जा सकेगा। प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय (CEO Vivek Shrotriya) के मुताबिक लैंड पुलिंग एक्ट (pulling act) में 50 प्रतिशत ही जमीन वापस लौटाने का प्रावधान है और शेष 50 प्रतिशत जमीन पर प्राधिकरण प्रमुख सडक़ों के निर्माण के अलावा ग्रीन बेल्ट विकसित करने के साथ 20 प्रतिशत भूखंडों को बेचेगा, ताकि विकास कार्यों का खर्चा निकाला जा सके। शासन की मंजूरी के बाद पिछले दिनों प्राधिकरण ने टीपीएस-1, 3, 4, 5 और 8 को घोषित करते हुए 30 दिन में दावे-आपत्तियां भी आमंत्रित की। अभी 6 दिसम्बर तक प्राधिकरण को 600 आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। योजनावार छंटाई के बाद इनकी सुनवाई और इन पर निर्णय लेने की प्रक्रिया भी आज से शुरू की जा रही है। टीपीएस-1 में 48, टीपीएस – 3 में 143, टीपीएस-4 में 40, 5 में 150 और सबसे अधिक टीपीएस-8 में 278 हेक्टेयर जमीन शामिल की गई है, जो कि लगभग 1732 एकड़ होती है। प्राधिकरण सीईओ ने कल एक आदेश जारी कर चार अधिकारियों की कमेटी भी गठित कर दी है, जिसमें अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर, नगर निगम के मुख्य नगर निवेशक विष्णु खरे, जिला पंचायत की अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी मधुलिका शुक्ला और नगर तथा ग्राम निवेश के उपसंचालक केएस गवली शामिल हैं। इस कमेटी की आज पहली बैठक प्राधिकरण दफ्तर में बुलाई गई है। अधिनियम की धारा 50 (9) के तहत इस समिति का गठन किया गया है। प्राधिकरण के पास अभी साढ़े 3 माह का समय इन पांचों योजनाओं पर निर्णय लेने का है। इसके बाद शासन को अंतिम मंजूरी के लिए ये पांचों योजनाएं भेजी जाएंगी और शासन को भी डेढ़ माह में इस पर निर्णय लेना होगा।
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