जबलपुर । कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक (Congress Rajya Sabha member Vivek) तन्खा ने रविवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) को कानूनी नोटिस (legal notice) भेजा है और उन्हें तीन दिन के भीतर ओबीसी आरक्षण (OBC reservation within) मामले में उच्चतम न्यायालय की सुनवाई के बारे में ‘गलत तथ्यों का प्रचार’ करने के लिए माफी मांगने को कहा। शिवराज से इस समय सीमा के भीतर ओबीसी आरक्षण से संबंधित उच्चतम न्यायालय की सुनवाई के सही तथ्यों को प्रिंट, टेलीविजन और सोशल मीडिया मंचों पर रखने को कहा है। तन्खा ने अपने वकील के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजा है। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को स्थानीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीटों पर चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगाने और इन सीटों को दोबारा सामान्य श्रेणी में कर अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया था।
उच्चतम न्यायालय का यह फैसला भोपाल जिला पंचायत के अध्यक्ष कांग्रेस नेता मनमोहन नागर द्वारा शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने के बाद आया है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार ने पंचायत चुनावों में आरक्षण नियमित आवर्तन (रोटेशन) और परिसीमन पर संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन किया है। उनके वकील शशांक शेखर ने कहा कि तन्खा ने कानूनी नोटिस भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा और राज्य के शहरी प्रशासन एवं विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह को भी भेजा है। इस नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा की जबलपुर इकाई के अध्यक्ष और वकील जी एस ठाकुर ने कहा कि वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा पर निजी रूप से वह कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं लेकिन नोटिस में कोई कानूनी आधार नहीं है।
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