प्रश्नकाल में सीधे पूरक सवाल पूछेंगे सदस्य, दो प्रश्नों की रहेगी अनुमति
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र (five day winter session) सोमवार से शुरू हो रहा है, जोकि 24 दिसम्बर तक चलेगा। इस पांच दिवसीय सत्र में प्रश्नकाल के दौरान सदस्य लिखित प्रश्न नहीं पूछेंगे और न ही मंत्री लिखित उत्तर पढ़ेंगे। संबंधित सदस्य को सीधे पूरक सवाल पूछना होगा और उसे केवल दो पूरक प्रश्न पूछने का अनुमति होगी।
यह निर्णय रविवार को विधानसभा में हुई सर्वदलीय बैठक में लिया गया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में शीतकालीन सत्र के सुचारू संचालन को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, गृह एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, मंत्री अरविंद भदौरिया, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, कांग्रेस विधायक दल के सचेतक डॉ. गोविंद सिंह, विधायक सज्जन सिंह वर्मा, संजीव सिंह संजू , राजेश कुमार शुक्ल एवं विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह मौजूद थे।
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विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने बताया कि प्रश्नकाल के दौरान सदन में अधिक से अधिक सदस्यों को प्रश्न पूछने का मौका मिल सके, इसलिए यह नई व्यवस्था लागू की जा रही है। साथ ही बैठक में यह भी तय किया गया है कि 22 दिसंबर को प्रश्नकाल में केवल पहली बार निर्वाचित हुए या महिला सदस्यों के ही प्रश्नों को शामिल किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष के सभाकक्ष में हुई बैठक में पांच दिवसीय सत्र के सुचारू संचालन को लेकर चर्चा हुई। अध्यक्ष गौतम ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान सदस्य लिखित प्रश्न पढ़ते हैं और संबंधित विभागीय मंत्री भी पुस्तक में दिए गए लिखित उत्तर को पढ़ते हैं। इसमें अनावश्यक समय लगता है और सभी सदस्यों को प्रश्न करने का मौका नहीं मिल पाता है। इसे ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था बनाई गई है कि प्रश्नकर्ता सीधे संबंधित विभागीय मंत्री से पूरक प्रश्न पूछेंगे और वे उसका उत्तर देंगे। इसके साथ ही बैठक में यह भी तय किया गया कि 22 दिसंबर को उन विधायकों को प्रश्न करने का अवसर दिया जाएगा जो पहली बार निर्वाचित हुए हैं या महिला सदस्य हैं। पिछले सत्र में भी ऐसा किया गया था।
बैठक में नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ और कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ गोविंद सिंह ने अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश से बनी परिस्थिति और किसानों को खाद-बीज मिलने में आ रही परेशानी पर चर्चा कराने की मांग रखी। इस विषय पर सोमवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले होने वाली कार्य मंत्रणा समिति में विचार किया जाएगा।
विधानसभा भवन के आसपास के क्षेत्रों में लागू रहेगी धारा 144
भोपाल पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर ने विधानसभा सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के तहत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए विधानसभा भवन के आसपास के क्षेत्रों में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। जारी आदेश के अनुसार विधानसभा सत्र की अवधि में विधानसभा भवन के आसपास विभिन्न, संगठनों एवं राजनैतिक दलों द्वारा प्रदर्शन एवं जुलूस विधानसभा सत्र काल की कार्यवाही में गतिरोध उत्पन्न होने के दृष्टिगत प्रतिबंधित रहेंगे। इन आयोजनों में कोई व्यक्ति किसी जुलूस प्रदर्शन में नहीं भाग लेगा और न जुलूस, प्रदर्शन का न तो निर्देशन करेगा और न उसमें कोई सभा आयोजित करेगा। कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर शस्त्र, लाठी, डण्डा, भाला, पत्थर, चाकू या अन्य धारदार हथियार साथ लेकर नहीं चलेगा। इन क्षेत्रों में 5 या इससे अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं होंगे।
सत्रावधि के दौरान विधान सभा परिसर के 5 किलो मीटर की परिधि में भारी वाहन जैसे ट्रक, ट्रेक्टर, ट्राली, डम्फर एवं धीमी गति से चल यातायात बाधित करने वाले तांगा, टूक्का, बैल गाडी इत्यादि के आवागमन पर भी पूर्णतः प्रवेश निषेध रहेगा। यह आदेश डयूटी पर कार्यरत शासकीय कर्मचारियों, अधिकारियों पर लागू नहीं होगा। कोई व्यक्ति ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा जिसके फलस्वरूप शिक्षण संस्थाओं, होटल, दुकान उद्योग एवं निजी अथवा सार्वजनिक सेवाओं में व्यवधान उत्पन्न हो।
यह आदेश 20 दिसम्बर से 24 दिसम्बर, 2021 तक प्रातः काल 6.00 बजे से रात्रि 12.00 बजे तक मार्ग, क्षेत्रों में प्रभावशील रहेगा। लिली टॉकिज से रोशनपुरा पहुंचने वाला मार्ग, बाणगंगा से राजभवन एवं जनसम्पर्क कार्यालय की ओर प्रवेश करने वाला मार्ग ओर पहुंचने वाली सडक, विंध्याचल भवन, सतपुडा भवन, वल्लभ भवन एवं बिरला मंदिर, गुलाब उद्यान, 74 बंगला एवं पत्रकार भवन के नवीन विधानसभा, टेलीफोन एक्सचेंज का क्षेत्र, ओमनगर, वल्लभ नगर का समस्त झुग्गी क्षेत्र शामिल रहेगा। इस आदेश के प्रभावशील रहने की अवधि के दौरान कोई भी व्यक्ति प्रतिबंधित क्षेत्रों में पुतलादहने, धरना, आन्दोलन नहीं करेगा। आदेश का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंड का भागी होगा। यह आदेश विवाह समारोह, बारात तथा शवयात्रा पर प्रभावशील नहीं रहेगा। (एजेंसी, हि.स.)
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