नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की तरह ही अब कर्नाटक सरकार (Government of Karnataka) भी धर्मांतरण के खिलाफ सख्ती करने जा रही है। बता दें कि कर्नाटक सरकार विधानसभा (Karnataka government assembly) में धर्मांतरण विरोधी बिल (Karnataka Anti Conversion Bill) पेश करने वाली है। इसका मसौदा तैयार हो चुका है और इसके तहत कर्नाटक में धर्मांतरण (conversion) कराने पर 3 से लेकर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। साथ ही धर्मांतरण के आरोपी पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकेगा। मौजूदा ड्राफ्ट के अनुसार, कर्नाटक के धर्मांतरण विरोधी बिल में गैरकानूनी रूप से व्यस्क व्यक्ति का धर्मांतरण कराने के दोषी व्यक्ति को 3 साल से लेकर 5 साल तक की सजा और 25 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। वहीं किसी नाबालिग(minor) , महिला या एससी और एसटी वर्ग के लोगों का गैरकानूनी रूप से धर्मांतरण के दोषी व्यक्ति को 3 साल से लेकर 10 साल तक की सजा और 50 हजार रुपए तक जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।
वहीं बड़ी संख्या में एक साथ लोगों का धर्मांतरण गैरकानूनी रूप से कराने वाले व्यक्ति को 3 साल से लेकर 10 साल तक सजा का प्रावधान रखा गया है और उस पर एक लाख रुपए तक जुर्माने लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं कोर्ट के आदेश के बाद दोषी व्यक्ति को पीड़ित को 5 लाख रुपए तक का हर्जाना भी देना पड़ सकता है। हालांकि विधानसभा (assembly) में पेश होने के बाद इस पर चर्चा होगी और इसमें कुछ बदलाव भी हो सकते हैं। नए बिल के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसकी प्रक्रिया भी थोड़ी लंबी की गई है। TNM की एक रिपोर्ट के अनुसार, सबसे पहले धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति या महिला को धर्मपरिवर्तन से 60 दिन पहले जिलाधिकारी को सूचित करना होगा। इसके बाद जिलाधिकारी इसकी जांच कराएंगे और जांच के बाद सबकुछ ठीक होने पर अपनी सहमति देंगे। इसके बाद व्यक्ति को धर्मांतरण के बाद डिक्लेरेशन भी देना होगा।
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