इंदौर। लसूडिय़ा थाना (Lasudia Police Station) क्षेत्र में डेढ़ माह पहले दवा व्यापारी के यहां हुई साठ लाख की चोरी (Theft) का पुलिस (police) अब तक पता नहीं लगा सकी है। एक फुटेज के भरोसे पुलिस की जांच अटकी (investigation stuck) पड़ी है। कई कर्मचारियों से पूछताछ के बाद भी पुलिस इस मामले में कोई सुराग नहीं लगा सकी है।
दिवाली पर डीलर्स (Dealers on Diwali) को उपहार देने के लिए एसके कंपाउंड देवास नाका (Compound Dewas Naka) में आफिस चलाने वाले दवा व्यापारी मनीष खंडेलवाल (Merchant Manish Khandelwal) ने सोने के बिस्कुट मंगवाए (ordered gold biscuits) थे। इसको काट कर सिक्के बनाकर देने की योजना थी, लेकिन ये चोरी हो गए। जिसकी कीमत साठ लाख रुपए (Price sixty lakh rupees) बताई गई थी। यहां चोर पास के मकान की छत से घुसा था और तिजोरी काटकर वारदात को अंजाम दिया था।
पुलिस को उसका एक फुटेज भी मिला था, जिसमें वह वारदात (crime) करते दिखाई दे रहा था, लेकिन नकाब होने से उसकी पहचान नहीं हो सकी थी। पुलिस ने क्षेत्र में कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे (cctv cameras) खंगाले, लेकिन इस इलाके में कम ही स्थानों पर कैमरे लगे थे और इसमें में कोई सुराग (clue) नहीं मिला। एक फुटेज के भरोसे पुलिस ने जांच बढ़ाई है, लेकिन आगे नहीं बढ़ सकी।
पुलिस को इस मामले में कंपनी के कुछ कर्मचारियों पर भी शक था, उनसे पूछताछ (inquiry) की गई। कई के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली गई, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश रघुवंशी (Deputy Commissioner of Police Rajesh Raghuvanshi) का कहना है कि इस मामले में नए सिरे से जांच की जा रही है। एक टीम को फिर से सभी साक्ष्य एकत्रित कर जांच का जिम्मा दिया जाएगा। पुलिस जल्द ही आरोपियों तक पहुच जाएगी।
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