इंदौर। मध्य प्रदेश में इंदौर (Indore) से गुजरात (Gujarat) और महाराष्ट्र (Maharashtra) जाना अब आसान होगा। भारतीय रेलवे (Indian Railways) इंदौर-दाहोद रेल लाइन प्रोजेक्ट (Indore-Dahod Rail Line Project) पर काम फिर शुरू करने जा रहा है। इससे न केवल ट्रेन के यात्रियों को फायदा होगा, बल्कि रेलवे की कमाई भी बढ़ेगी. यह प्रोजेक्ट 2 साल से बंद था। इसे दोबारा शुरू करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस प्रोजेक्ट की लागत 2000 करोड़ रुपये है. इस प्रोजेक्ट में 331 पुल बनाए जाने हैं. इनमें 41 बड़े और 290 छोटे हैं, जबकि 32 छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे।
अब जल्दी इंदौर-दाहोद रेल लाइन पर ट्रेन दौड़ने लगेगी. इस रेल लाइन के काम को शुरू करने के लिए हरी झंडी मिल गई है. इसके जरिए आर्थिक राजधानी इंदौर सीधे गुजरात से कनेक्ट हो जाएगी. इस रेल लाइन का प्रोजेक्ट पिछले 2 साल से बंद पड़ा था, लेकिन अब रेलवे प्रशासन ने इसे एक बार फिर से शुरू करने का फैसला लिया है. रेलवे बोर्ड ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं।
गौरतलब है कि ये रेल लाइन इंदौर, पीथमपुर, धार, सरदारपुर, झाबुआ, छोटा उदयपुर होते हुए दाहोद को जोड़ेगी. इसकी लंबाई करीब 200 किलोमीटर है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, छोटा उदयपुर से धार के बीच का काम भी जल्द पूरा होने वाला है. इससे आने वाले समय मे इंदौर छोटा उदयपुर तक जुड़ सकता है. यह लाइन पीथमपुर के लिए महत्वपूर्ण है।
टीही से जाने वाले कंटेनर निकट भविष्य में वडोदरा होकर जल्द से जल्द मुंबई पहुंच सकेंगे. धार भी एक बड़ा जंक्शन बनकर उभरेगा. इंदौर से जाने वाली ट्रेनें गुजरात होकर जल्द ही महाराष्ट्र पहुंच सकेंगी. वहीं दूसरी ओर, इंदौर से मुंबई की दूरी भी कम हो सकती है. खंडवा की तरह यहां से कई ट्रेनें संचालित हो सकेंगी।
रेलवे के मुताबिक, 21 किलोमीटर तक का काम इंदौर से टीही के बीच पूरा हो चुका है. 16 किलोमीटर तक काम दाहोद से कठवाड़ा के बीच पूरा हो चुका है. 8 फरवरी 2013 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी. लेकिन, इसका काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है. इस प्रोजक्ट की लागत भी बढ़ती जा रही है।
2022 तक इस प्रोजेक्ट पूरा करने का टारगेट था, लेकिन कोरोना काल में इसका काम बंद हो गया. 1640 करोड़ का प्राजेक्ट बढ़ कर 2000 करोड़ हो गया. अब तक 847 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. इस प्रोजेक्ट में 331 पुल बनाए जाने हैं. इनमें 41 बड़े और 290 छोटे हैं, जबकि 32 छोटे-बड़े कुल रेलवे स्टेशन रहेंगे. अब रेलवे के पास लगभग 175 करोड़ रुपये का बजट है।
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