नई दिल्ली। 16 दिसंबर से ही खरमास(Kharmas) की शुरुआत हो चुकी है। मान्यता है कि खरमास के दिनों में कोई भी शुभ और मांगलिक (auspicious and auspicious) कार्य करने की मनाही होती है। लेकिन कहते हैं कि खरमास के दिनों में पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। खरमास के दिन मार्गशीर्ष माह (Margashirsha month) से पौष माह के बीच लगता है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य का मीन राशि से धनु राशि में प्रवेश करने पर खरमास लगता है।
कहते हैं कि सूर्य के धनु राशि (sagittarius) में प्रवेश करने के कारण गुरू या बृहस्पति ग्रह का प्रभाव नहीं पड़ता। इस काल में पूजा-अर्चना का विशेष फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं खरमास में किन उपायों को करने से भगवान विष्णु और श्री कृष्ण भगवान की विशेष कृपा पाई जा सकती है।
खरमास में करें ये उपाय
1- खरमास के दिन 16 दिसंबर से शुरू हो गए हैं और 14 जनवरी तक चलेंगे। इन दिनों में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया जाता है। कहते हैं कि इस माह में विष्णु पूजन करने और उनके सहस्त्रनाम का पाठ करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी।
2- भगवान विष्णु(Lord Vishnu) को पूजन के दौरान खीर और तुलसी का भोग लगाएं। ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और धन-धान्य की प्राप्ति होती है। खरमास में भगवान विष्णु को पूजन में खीर और तुलसी का भोग लगान चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती और विष्णु जी के आशीर्वाद से धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
3- खरमास के दिनों में सुबह सूर्योदय(sunrise) के समय भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करने से लाभ होता है। ऐसा करने से सारे रोग-दोष दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।
4- इतना ही नहीं, ऐसा भी माना जाता है कि खरमास में गौ सेवा का खास महत्व है। इस पूरे माह गाय को हरी घास का चारा खिलाने और उनकी सेवा करने से भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
5- इन दिनों में किए गए दान का अक्षय फल प्राप्त होता है। इस माह में गरीबों, जरूरतमंदों को यथाशक्ति दान देना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में किसी चीज का अभाव नहीं रहता है।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved