इंदौर। पिछले दिनों वायु प्रदूषण (air pollution) सुधारने के लिए वाहन चालकों (drivers) से यह भी अनुरोध किया गया कि वे चौराहों पर रेड लाइट (red light at intersections) के दौरान वाहनों को बंद करें, जिससे 15 से 20 प्रतिशत तक प्रदूषण घट सकता है और ईधन की बचत भी होगी। मगर दिक्कत यह है कि शहर के सभी ट्रैफिक सिग्नलों पर टाइमर (timer at traffic signals) नहीं लगे हैं, जिससे वाहन चालकों को पता ही नहीं चलता कि रेड के बाद ग्रीन सिग्नल कितनी देर में होगा। लिहाजा अब पुलिस (police) का यातायात विभाग ऐसे 27 ट्रैफिक सिग्नलों पर टाइमर की व्यवस्था करवा रहा है।
शहर में ऐसे 52 प्रमुख चौराहे हैं, जिनमें से 25 पर टाइमर लगे भी हैं, जिससे यह पता चल जाता है कि कितने सेकंड बाद ग्रीन लाइट (green light) होगी, ताकि उसके मुताबिक वाहन को बंद किया जा सके। पिछले दिनों निगम की पहल पर बुलाई बैठक में इस बात पर सहमति भी बनी कि जन-जागरण अभियान (public awareness campaign) चलाया जाएगा।
कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh), निगमायुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल (Municipal Commissioner Smt. Pratibha Pal) सहित समाजसेवी संगठनों (charitable organizations), मीडिया (Media) की ओर से भी सुझाव दिए गए। वहीं यातायात विभाग 27 चौराहों पर टाइमर की व्यवस्था भी करवा रहा है, जिसमें पाटनीपुरा चौराहा (Patnipura Square), मरीमाता (marimata), लवकुश (lavkush), एग्रीकल्चर कॉलेज (Agriculture College), महेश गार्ड लाइन (Mahesh Guard Line), छावनी चौराहा (Cantonment Square), नरसिंह बाजार (Narsingh Bazar), रामबाग सहित (including Rambagh) अन्य चौराहे शामिल हैं। यातायात विभाग का कहना है कि वैसे तो शहर में 214 ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं, जिनमें से 52 चौराहे प्रमुख हैं, जहां यातायात का दबाव अधिक रहता है।
इनमें से 25 चौराहों पर तो पहले से ही टाइमर लगे हैं। हालांकि उनको भी नए सिरे से सेट करना पड़ेगा, क्योंकि कई जगह यह टाइमर भी गड़बड़ हैं। कई चौराहों पर अधिक टाइम सेट किया गया है, तो कई पर इतना कम टाइम है कि उतनी देर में चौराहा भी पूरी तरह से क्रॉस नहीं हो पाता कि रेड लाइट हो जाती है। वहीं शहर में कई जगह लेफ्ट टर्न पर भी लोग वाहन खड़े कर देते हैं, जिसके चलते लेफ्ट टर्न (लेफ्ट टर्न) मुडऩे वालों को भी परेशानी होती है और उसके कारण भी समय लगता है। शहर का वायु प्रदूषण ठीक करने के लिए वाहनों को सिग्नल पर बंद रखने की मुहिम शुरू की जा रही है।
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