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    खरमास : सूर्य चले गुरु के घर, इन राशियों पर एक महीने तक बरसाएंगे कृपा

  • December 17, 2021

    नई दिल्ली। मार्ग शीर्ष शुक्ल पक्ष त्रयोदशी 16 दिसम्बर 2021 दिन गुरुवार को दिन में 2:27 बजे, ग्रहों में राजा की पदवी प्राप्त सूर्य देव (Sun god) का गोचरीय संचरण मूल नक्षत्र एवं धनु राशि (Nakshatra and Sagittarius) में प्रारम्भ हो गए हैं। इसी के साथ खरमास (Kharmas) भी आरम्भ हो गया। विवाह आदि के लिए शुभ मुहूर्तों का अभाव (lack of auspicious time) हो जाएगा। अपनी बारह संक्रांतियों के दौरान जहाँ सूर्य वर्ष में एक बार एक माह के लिए अपनी उच्च स्थिति में रहकर अपने सम्पूर्ण फल में उच्चता प्रदान करते हैं, और एक बार अपनी राशि सिंह में स्वगृही रहकर भी अपने सभी कारक तत्वों, आधिपत्य अर्थात प्रभावों में संपूर्णता प्रदान करते है तो, वही एक माह के लिए अपनी नीच स्थिति को प्राप्त करते हुए निम्न फल भी प्रदान करते हैं। शुक्र ग्रह की राशि तुला में सूर्य की स्थिति सबसे कमजोर होती है।


    इस वर्ष 16 दिसम्बर दिन गुरूवार को सूर्य देव वृश्चिक राशि का परित्याग कर दिन में 2 बजकर 27 मिनट पर धनु राशि पर आरूढ़ हो गए और इसी के साथ ही खरमास आरम्भ हो गया। सूर्य देव 14 जनवरी 2021 दिन शुक्रवार को रात में 8 बजकर 34 मिनट तक धनु राशि मे गोचरीय संचरण करते रहेंगे। इस प्रकार लगभग एक महीने तक सूर्यदेव धनु राशि पर गोचरीय संचरण करते रहेगे। तत्पश्चात 14 जनवरी दिन शुक्रवार को रात में 8 बजकर 34 मिनट पर धनु राशि को छोड़कर शनि देव की राशि मकर में प्रवेश करेगे। इसी के साथ एक महिने से चल रहे धनुर्मास अर्थात खरमास का समापन हो जाएगा। मकर राशि मे प्रवेश करने के साथ ही सूर्य देव उत्तरायण की गति प्रारम्भ करते है । और इसी के साथ विवाह आदि शुभ कार्यो के लिए शुभ मुहूर्त्त मिलने लगते है।

    मेष से मीन लग्न
    मेष :- पंचम के कारक होकर भाग्य भाव में।
    *भाग्य में वृद्धि, कार्यो में सकारात्मक वृद्धि
    *पिता के सहयोग सानिध्य में वृद्धि
    *पराक्रम एवं यश कीर्ति में वृद्धि
    *अध्ययन अध्यापन में रुचि
    *संतान पक्ष से सुसमाचार
    *बौधिकता के आधार पर नया कार्यो
    उपाय :- माणिक्य रत्न धारण करें।

    वृष :- सुख के कारक होकर अष्टम भाव में।
    *सुख के साधनों पर खर्च
    *पुरानी पेट की समस्या कम होगी
    *वाणी में तीव्रता
    *पारिवारिक कार्यो पर खर्च
    *गृह एवं वाहन सुख पर खर्च
    *माता के स्वास्थ्य पर खर्च होगा
    उपाय :- सूर्य देव को नियमित जल चढ़ाते रहें।

    मिथुन :- पराक्रम के कारक होकर सप्तम भाव में।
    *पराक्रम में वृद्धि
    *आक्रामकता में वृद्धि
    *सरकारी लाभ में वृद्धि
    *दाम्पत्य जीवन एवं प्रेम संबंध में तनाव वृद्धि
    *साझेदारी से लाभ में वृद्धि
    *कार्य स्थल पर प्रतिभा के प्रतिफल में वृद्धि
    उपाय :- लाल रोली रविवार को सूर्य देव को चढ़ाते रहे।

    कर्क :- धन के कारक होकर षष्ट भाव में।
    *रोग कर्ज एवं शत्रुओं पर विजय
    *प्रतियोगिता में विजय
    *पारिवारिक कार्यो को लेकर तनाव
    *आँखों का ध्यान रखे। थोड़ा कष्ट संभव
    *यात्रा के संयोग अचानक बनेंगे
    *पारिवारिक जनों में मन मुटाव
    उपाय :- पिता की सेवा करें। उनके आदेश का पालन करें।

    सिंह :- लग्न के कारक होकर पंचम भाव में।
    *मनोबल उच्च होगा,
    कार्य क्षमता में वृद्धि , व्यक्तित्व में वृद्धि,
    * पिता का सहयोग एवं आशीर्वाद
    *आय एवं आय के साधनों में वृद्धि
    *संतान पक्ष से सुसमाचार प्राप्त हो सकता है।
    *अध्ययन अध्यापन में रुचि बढ़ेगी
    उपाय :- माणिक्य रत्न धारण करें।

    कन्या :- व्यय के कारक होकर सुख भाव में।
    *गृह एवं वाहन सुख पर खर्च
    *माता के स्वास्थ्य के प्रति चिंता
    *सीने की तकलीफ में वृद्धि
    *रोग ऋण एवं शत्रु पर विजय
    *आँखों की सामान्य समस्या
    *जमीन जायदाद को लेकर तनाव
    उपाय :- सूर्य को नियमित जल रोली डालकर देते रहे।

    तुला :- लाभ के कारक होकर पराक्रम भाव में।
    *पराक्रम में , सम्मान में वृद्धि
    *आय के साधनों में वृद्धि
    *भाग्य में सामान्य तनाव
    *व्यापारिक विस्तार के योग
    *भाई बंधुओं मित्रो के सहयोग में वृद्धि
    *प्रभुत्व एवं सरकारी लाभ में वृद्धि
    उपाय :- सूर्य को जल देते रहे एवं पिता का सम्मान करें।

    वृश्चिक :- राज्य के कारक होकर धन भाव में।
    *धन वृद्धि एवं कुटुंब में वृद्धि
    *सरकारी लाभ में वृद्धि
    *पारिवारिक कार्यो में वृद्धि
    *वाणी व्यवसाय से जुड़े लोगों को लाभ
    *पेट की समस्या , वाणी में तीव्रता
    *सम्मान में वृद्धि , परिश्रम में वृद्धि
    उपाय :- माणिक्य रत्न धारण करें।

    धनु :- भाग्य के कारक होकर लग्न भाव में।
    *भाग्य में वृद्धि, कार्यो में प्रगति
    *पराक्रम में वृद्धि, यश कीर्ति में वृद्धि
    *भाई बहनों एवं मित्रों का सहयोग,सनिध्य
    *आक्रामकता, व्यक्तित्व, नेतृत्व क्षमता में वृद्धि
    *दाम्पत्य जीवन, प्रेम संबंध में तनाव की स्थिति
    *नयी साझेदारी एवं साझेदारी से लाभ सम्भव
    उपाय :- मूल कुण्डली के अनुसार माणिक्य धारण करें।

    मकर :- अष्टम के कारक होकर व्यय भाव में।
    *वाणी में तीव्रता, दाँत की समस्या
    *अचानक व्यय में अधिकता
    *यात्रा पर खर्च की संभावना बनेगी
    *रोग, ऋण, शत्रुओं पर विजय की स्थिति
    *आँखों मे कष्ट की संभावना बन सकती है
    *पारिवारिक कार्यों में खर्च बढ़ेगा
    उपाय :- लाल रोली, लाल फल, लाल चन्दन श्री राम मंदिर में रविवार को चढ़ाते रहे।

    कुम्भ :- सप्तम के कारक होकर लाभ भाव में।
    *आय एवं लाभ के संसाधनों में वृद्धि
    *व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि
    *नयी साझेदारी, नया व्यापारिक संबंध स्थापित
    *संतान को लेकर चिंता की स्थिति में सुधार
    *दाम्पत्य जीवन, प्रेम संबंधों में लाभ की स्थिति
    *पैतृक सम्पति के सुख में वृद्धि
    उपाय :- सूर्य देव की नियमित जल देते रहें।

    मीन :- षष्ट के कारक होकर राज्य भाव में।
    *सम्मान एवं परिश्रम में वृद्धि
    *सीने की तकलीफ में वृद्धि
    *माता के स्वास्थ्य को लेकर को चिन्ता
    *शत्रुओ के कारण कार्यो में व्यवधान
    *गृह एवं वाहन को लेकर तनाव
    *जमीन जायदाद को लेकर भी तनाव सम्भव
    उपाय :- लाल रोली, लाल फल, लाल चंदन रविवार के दिन श्रीराम मंदिर में नियमित दान करते रहें।

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