चंडीगढ़: कृषि कानूनों (agricultural laws) की वापसी के बाद किसानों ने भले ही अपना आंदोलन वापस ले लिया है लेकिन पंजाब को अभी भी किसानों के अन्य मुद्दों को लेकर आंदोलन (agitations) झेलने पड़ सकते हैं. पंजाब में राज्य भर से 140 से अधिक पक्के मोर्चे हटा लिए हैं लेकिन टोल की दरों में की गई वृद्धि (increase in toll rates) को लेकर अभी भी दो दर्जन टोल प्लाजा पर अपना धरना जारी रखा है.
किसान संगठन बीकेयू उग्राहां (Farmers’ organization BKU Ugrahan) ने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक टोल प्जाला की दरों में की गई बढ़ोतरी वापस नहीं ली जाती है तब तक उनका धरना जारी रहेगा. उधर दूसरी ओर तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद दिल्ली से लौटे किसान मजदूर संघर्ष समिति (Kisan Mazdoor Sangharsh Samiti) (केएमएससी) नेताओं ने 20 दिसंबर से राज्यव्यापी रेल रोको विरोध की घोषणा की है.
कहां कहा जारी है धरना
बीकेयू उग्राहन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि हमारी यूनियन ने 39 जगहों पर धरने का आयोजन किया था और हमने उन्हें 30 जगहों से हटा लिया है. वे नौ टोल प्लाजा पर तब तक बने रहेंगे जब तक कि टोल की बढ़ी दरें वापस नहीं हो जाती हैं. हरियाणा में दरों में बढ़ोतरी की गई लेकिन राज्य सरकार ने घोषणा की कि टोल प्लाजा पुरानी दरों के साथ जारी रहेंगे. हम पंजाब सरकार की प्रतिक्रिया का भी इंतजार कर रहे हैं. बीकेयू डकौंडा के अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जगिल ने कहा कि मालवा में 10 टोल प्लाजा पर हमारे संघ का धरना जारी रहेगा और दोआबा और माझा टोल प्लाजा में लगभग 10 धरने जारी रहेंगे.
टोल में कितनी बढ़ोतरी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हर टोल साइट पर टोल दरों में 5 रुपये से 15 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है. हालांकि, लुधियाना-जालंधर रोड पर लधोवाल टोल प्लाजा पर कारों के लिए एक तरफ की दरों में 130 रुपये से 135 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. लढोवाल टोल प्लाजा से पूरे राज्य में सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है. सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि धरने से पहले इसका दैनिक संग्रह लगभग 75 लाख रुपये हुआ करता था.
क्या कहते हैं टोल प्लाजा के अधिकारी
लढोवाल टोल प्लाजा के प्रबंधक रविंदर सिंह ने मीडियाकर्मियों को बताया कि इन दरों को इस साल 1 सितंबर को संशोधित किया गया था जब किसान अभी भी धरने पर बैठे थे. यह सालाना बढ़ोतरी है जो पहले भी की जाती था. कंपनी ने अगले तीन महीने के लिए ज्यादातर जगहों पर टोल प्लाजा का ठेका ले रखा है लेकिन बुधवार को वे अपनी सेवाएं शुरू नहीं कर सके. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी आर पी सिंह ने कहा कि कुल 30 में से केवल पांच टोल प्लाजा शुरू किए गए हैं. इन पांच प्लाजा में से चार पहली बार नए शुरू किए जा रहे हैं. 21 प्लाजा पर टोल में पांच से छह फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यह सालाना बढ़ोतरी है.
रेल रोको ओदोलन क्यों ?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के अमृतसर जिले के उधो नंगल में एक सम्मेलन आयोजित करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए केएमएससी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को कृषि कानूनों को निरस्त करने में किसान सफल रहे हैं, लेकिन कई अन्य मांगें थीं जो महत्वपूर्ण थीं और उन्हें उठाए जाने की आवश्यकता थी.
क्या हैं अन्य मांगे
उन्होंने कहा कि हम किसानों और मजदूरों की सौ प्रतिशत ऋण माफी, मुआवजा के साथ कृषि संघर्ष के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी, साथ ही गन्ने के बकाया का भुगतान चाहते हैं. पंढेर ने कहा कि इन मांगों को स्वीकार करने के लिए हम 20 दिसंबर से रेल रोको शुरू करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी केएमएससी अकेले ही पूरे राज्य में आंदोलन शुरू करेगी और अगली घोषणा तक रेल रोको जारी रहेगा. पंढेर ने दावा किया कि बड़ी संख्या में कृषि महिलाओं ने रेल रोको कार्यक्रम में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि हम पंजाब से आंदोलन शुरू करेंगे जो आगे दूसरे राज्यों में भी फैल सकता है.
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