भोपाल। मप्र भाजपा में इन दिनों भोपाल जिलाध्यक्ष के बढ़ते दखल से पार्टी के अन्य नेता बेहद परेशान हैं। पार्टी के कई कार्यक्रमों में प्रदेश पदाधिकारी उपस्थित होते हैं, लेकिन जिलाध्यक्ष को ज्यादा तवज्जो मिलती है, जिससे अन्य नेता पचा नहीं पा रहे हैं। प्रदेश स्तर के इन नेताओं का दबी जुवान से कहना है कि राजनीति में हर कोई किसी का करीबी और समर्थक होता है, लेकिन पार्टी के कार्यक्रमों में वरिष्ठता का भी ध्यान रखा जाता है। राजधानी भोपाल में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में इसका ध्यान नहीं रखा जा रहा है। भाजपा की हाल ही में आयोजित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पार्टी नेताओं ने भोपाल जिलाध्यक्ष को कई जिम्मेदारी दी थीं।
पूर्व में भी भोपाल जिलाध्यक्षों को व्यवस्था संबंधी अन्य जिम्मेदारी मिलती रही हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति में जिस तरह से भोपाल जिलाध्यक्ष की प्रदेश नेतृत्व में पकड़ और सीधा दखल बढ़ रहा है, उससे पार्टी के कई नेता परेशान हैं। पार्टी सूत्र बताते हैं कि प्रदेश नेतृत्व ने सुमित पचौरी को तय रणनीति के तहत ही तवज्जो दी जा रही है। हालांकि दूसरे नेता चुप्पी साधे हंैं और मौके के इंतजार में है। खास बात है कि भोपाल जिलाध्यक्ष की प्रदेश संगठन के नेताओं के यहां सीधी एंट्री है। जबकि अन्य जिलाध्यक्षों के साथ ऐसा नहीं है। हालांकि भोपाल जिलाध्यक्ष समित पचौरी की खूबी यह है कि वे विवादों से दूर हैं और हर नेता को साधने में माहिर हैं। उनके बढ़ते कद को देखते हुए उनके विरोधी खासे सक्रिय हैं।
बैठकों में नहीं रखते वरिष्ठता का ध्यान
मप्र भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि प्रदेश के सभी 56 जिलाध्यक्ष बराबर हैं। सभी को वरिष्ठ नेताओं की वरिष्ठता का ध्यान रखना होता है। आमतौर पर पार्टी की बैठकों एवं आयोजनों में वरिष्ठता का ध्यान रखा जाता है। लेकिन भोपाल जिलाध्यक्ष पार्टी की बैठकों में बड़े नेताओं के इर्दगिर्द ही रहते हैं। ऐसे में वे अन्य वरिष्ठ नेताओं की वरिष्ठता का ध्यान भी नहीं रखते हैं।
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