- जिलावार सौंपी जिम्मेदारी, क्षेत्रीय विधायक सहित पदाधिकारी शामिल
भोपाल। पंचायतों में कब्जा बढ़ाने के लिए कांग्रेस पूरी रणनीति के साथ काम कर रही है। रणनीति यह है कि पार्टी से जुड़े लोग एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में न आएं, गुटबाजी न हो, इसे रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर सामंजस्य बनाया जाए। यह समिति जिला स्तर पर गठित की गई है। समिति में पार्टी के जिलाध्यक्ष, विधायक सहित अन्य पदाधिकारी शामिल किए गए हैं। विवाद की स्थिति में ये समन्वय का काम करेंगे। जिससे एक जगह पार्टी से जुड़ा एक ही व्यक्ति मैदान में रहे।
प्रदेश कांग्रेस कमलनाथ के निर्देश पर गठित की गई समितियों ने काम शुरू कर दिया है। नामांकन पत्र दाखिल किए जाने के साथ ही उम्मीदवारों पर नजर रखी जा रही है। हालांकि ये चुनाव पार्टी स्तर पर नहीं है, फिर भी पार्टी समर्थित दावेदारों की संख्या अच्छी खासी है। ऐसे में पार्टी नहीं चाहती कि आपस में टकराहट हो। इसलिए जिला स्तर पर ही मामलों को निपटाने की जिम्मेदारी समिति को सौंपी गई है। यदि मामले जिला स्तर पर नहीं निपटते तो इस मामले में प्रदेश स्तर पर निर्णय होगा। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति पंचायतों के आम निर्वाचन के सभी विषयों पर समन्वय कर संबंधितों को मार्गदर्शन देगी। पूर्व मंत्री एवं विधायक कमलेश्वर पटेल को समिति का संयोजक बनाया गया है तथा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, विधायक झूमा सोलंकी और प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं चुनाव आयोग कार्य के प्रभारी जेपी धनोपिया को समिति का सदस्य बनाया गया है। कमजोर कडिय़ों पर नजर
गांव की सरकार में पार्टी का दबदबा हो इसके लिए कमजोर कडिय़ों पर भी नजर रखी जा रही है। समिति गुटबाजी तो रोकने का प्रयास करेगी लेकिन भितरघात सबसे बड़ी चुनौती है। इसलिए प्रयास है कि लोगों की नाराजगी न रहे। इसके लिए नाराजगी दूर करने के प्रयास होंगे। यदि आपस में कहीं कोई गलतफहमी है तो उसे भी दूर किया जाएगा।