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    ये सस्ता स्वदेशी हेलमेट बम और गोली से बचाएगा, सेना और CRPF से ऑर्डर मिलने का इंतजार

  • December 15, 2021

    नई दिल्ली। भारतीय आयुध कारखानों (Indian Ordnance Factories) ने पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक अपनाते हुए ‘बुलेट प्रूफ हेलमेट’ (Bullet Proof Helmet) तैयार किया है। इस बैलिस्टिक हेलमेट (Ballistic Helmet) का निर्माण आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) के सहयोग से किया गया है, बता दे कि इसका भी ट्रायल हो चुका है। ऑर्डिनेंस क्लोथिंग फैक्ट्री, आवडी (Ordnance Clothing Factory, Avadi) में निर्मित इस हेलमेट की कीमत लगभग 18 हजार रुपये बताई जा रही है। यह बैलिस्टिक हेलमेट ‘बम व गोली’ से जवानों का बचाव करने में समर्थ साबित हो सकता है। बीस मीटर दूरी पर नौ मिमी कार्बाइन, एसएलआर या एके (HSC) से निकलने वाली गोलियां इस हेलमेट को नहीं भेद पाती हैं। भारतीय आयुध कारखानों को अब आर्मी व सीआरपीएफ जैसे बड़े सुरक्षा बलों से बैलिस्टिक हेलमेट तैयार करने का ऑर्डर मिलने का इंतजार है। हालांकि कारखाने ने अपने स्तर पर मार्केटिंग कर विभिन्न राज्यों के पुलिस बलों को इस हेलमेट की आपूर्ति करना शुरू कर दी है।


    अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ के महासचिव सी. श्रीकुमार (All India Defense Employees Federation General Secretary C.Sreekumar) ने बताया कि यह भारतीय आयुध कारखानों (Indian Ordnance Factories) की यह एक बड़ी उपलब्धि है। अभी तक केंद्र एवं राज्य सरकारें इस तरह के सुरक्षा हेलमेट का आयात करती रही हैं। बैलिस्टिक हेलमेट का डिजाइन तैयार करने, निर्माण व ट्रायल आदि में एक साल का वक्त लगा है। विभिन्न एजेंसियों ने इस हेलमेट का ट्रायल लिया था। बैलिस्टिक हेलमेट की खासियत यह है कि आईईडी विस्फोट होने के दौरान जब वहां पर तेज गति से टुकड़े इधर उधर निकलते हैं, तो यह हेलमेट जवान का सिर सुरक्षित रखता है।

    हेलमेट में कई दूसरे तकनीकी उपकरण भी लगे हुए हैं। जिससे किसी भी तरह की कार्रवाई के दौरान हेलमेट का वजन जवान पर विपरित प्रभाव नहीं डालता है। हेलमेट में नाइट विजन गॉगल्स, विजर, टॉर्च, हेडफोंस, वायरलेस कम्युनिकेशन डिवाइसेस और काउंटर वेट (Night Vision Goggles,Visor,Torch,Headphones,Wireless Communication Devices,Counterweight) आदि के लिए मॉड्यूलर टाइप एक्सेसरी अटैचमेंट बॉक्स लगाया गया है। बतौर श्रीकुमार, ‘आत्मनिर्भर भारत’ के एक भाग के रूप में बुलेट प्रतिरोधी हेलमेट को आभासी प्रदर्शनी ‘पथ टू प्राइड’ में प्रदर्शित किया गया है।

    श्रीकुमार का कहना है कि भारतीय आयुध कारखाने, सशस्त्र बलों के लिए जरुरी विभिन्न प्रकार के उत्पादों का विकास और उत्पादन करने में सक्षम हैं। सरकार, आयुध कारखानों की क्षमता और अंतर्निहित क्षमता का अनुमान नहीं लगा रही है। दुर्भाग्य से वर्तमान सरकार ने इन फैक्ट्रियों को विघटित और निगमित कर दिया है। इसके खिलाफ कर्मचारी अपनी ट्रेड यूनियन लड़ाई और कानूनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं।

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