नई दिल्ली । वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) बुधवार से हितधारकों के साथ 2022-23 के आम बजट (general budget) को लेकर विचार-विमर्श शुरू करेंगी। पहली बैठक कृषि एवं कृषि प्रसंस्करण उद्योग के विशेषज्ञों के साथ होगी। वित्त मंत्री सीतारमण ने मंगलवार को संसद को बताया था कि केंद्र सरकार (central government) ने अकेले वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल और डीजल पर करों से 3.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की।
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि वित्तमंत्री आगामी बजट को लेकर 15 दिसंबर, 2021 से नई दिल्ली में विभिन्न हितधारकों के समूहों के साथ डिजिटल तरीके से बजट-पूर्व चर्चा शुरू करेंगी। आम बजट एक फरवरी, 2022 को पेश होने की उम्मीद है। इसमें सरकार का जोर मांग बढ़ाने, नौकरियों के सृजन और अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर को 8 फीसदी पर ले जाने पर रहेगा।
ट्वीट में कहा गया है कि सीतारमण महामारी से प्रभावित उपभोग को फिर बढ़ाने और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के उपायों पर उद्योग संघों, किसान संगठनों और अर्थशास्त्रियों समेत विभिन्न हितधारकों से विचार-विमर्श करेंगी। 2021-22 में आर्थिक वृद्धि दर 10 फीसदी से अधिक रहने की उम्मीद है।
सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल और डीजल से कमाए 3.71 लाख करोड़
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद को बताया कि केंद्र सरकार ने अकेले वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल और डीजल पर करों से 3.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की। अगर पिछले तीन वित्त वर्षों में करों से अर्जित राशि की गणना की जाए तो यह कुल 8.02 करोड़ लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा।
वित्त मंत्री ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में कहा कि 5 अक्टूबर 2018 को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क (वैट) 19.48 प्रति लीटर से बढ़ाकर 4 नवंबर, 2021 को 27.90 कर दिया गया था। इसी अवधि के दौरान, डीजल पर वैट 15.33 प्रति लीटर से 21.80 लीटर बढ़ा दिया था।
कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और गुजरात जैसे बहुमत वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित कई राज्यों ने तीन नवंबर को ही पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा की थी। पिछले महीने के अंत में, राजस्थान और छत्तीसगढ़ सहित गैर-भाजपा राज्यों ने भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर वैट घटा दिया।
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