इंदौर। नगर निगम द्वारा गीले कचरे से सीएनजी गैस बनाई जाएगी। देवगुराडिया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर इसके लिए विशाल प्लांट लगभग तैयार है। साढ़े 500 टन गीले कचरे से रोजाना 18 हजार किलो सीएनजी बनना है। सिटी बसों के साथ-साथ निजी वाहन भी इस सीएनजी से चलेंगे। नगर निगम ने जनवरी के माह से इस प्लांट को शुरू करने की तैयारियां कर ली हैं और आसपास के पहुंच मार्गों को भी सुधारकर चौड़ा करने की कवायद भी चल रही है।
प्लांट शुरू होने के बाद चूंकि वाहनों की आवाजाही बढ़ जाएगी। बड़े-बड़े टैंकर भी गैस को ले जाने में लगेंगे। लिहाजा निगम सडक़ों को सुधारने और चौड़ा करने में भी जुटा है। एशिया का यह सबसे बड़ा प्लांट नए साल में शुरू कर दिया जाएगा। पिछले दिनों सांसद शंकर लालवानी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के दौरान इस प्लांट की जानकारी दी और उद्घाटन के लिए उन्हें आमंत्रित भी किया। नगर निगम का कहना है कि 550 टन गीला कचरा रोजाना इस प्लांट में खपेगा और बदले में 18 हजार किलो सीएनजी मिलेगा, जिससे सिटी बसें तो चलेंगी ही वहीं निजी वाहनों को भी सस्ती सीएनजी मिलेगी। निगम को इस प्लांट से सालाना डेढ़ करोड़ की आय तो होगी ही, वहीं सिटी बसों के लिए 5 रुपए लीटर सस्ती सीएनजी मिलेगी, क्योंकि इसी तरह का अनुबंध कम्पनी से निगम ने किया है। देवगुराडिया में यह प्लांट लगभग तैयार है। ट्रायल के बाद इसे पूरी क्षमता के साथ शुरू कर दिया जाएगा।
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