भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल खेतों में उर्वरक तथा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने में किया जा सकता है। इससे किसान हानिकारक रसायनों के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं। यह तकनीक खर्चीली भी कम है। ड्रोन तकनीक से 25 प्रतिशत तक खाद की बचत होती है। उन्होंने कहा कि विकास एवं कल्याण के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर मध्यप्रदेश को अग्रणी राज्य बनायेंगे। ड्रोन एक ऐसी क्रांतिकारी तकनीक है, जिसका उपयोग जन-कल्याण एवं सुशासन में किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ग्वालियर में ड्रोन मेला में मौजूद युवाओं और किसानों को संबोधित कर रहे थे। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
ड्रोन तकनीक किसानों के लिए क्रांतिकारी: तोमर
केन्द्रीय किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि उच्च तकनीक और मजबूत अर्थ-व्यवस्था के साथ श्रेष्ठ भारत के निर्माण की सोच के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार काम कर रही है। इसी कड़ी में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक किसानों के लिये क्रांतिकारी साबित हो रही है। उन्होंने पिछले साल टिड्डी दल के आक्रमण का हवाला देते हुए कहा कि ड्रोन तकनीक से इस पर सफलतापूर्वक काबू पाया गया। स्वामित्व योजना भी इसी तकनीक की बदौलत सफल रही है। कृषि के क्षेत्र में मानव सुरक्षा, उर्वरक बचत और कृषि उत्पादन बढ़ाने में ड्रोन तकनीक विशेष लाभकारी रही है।
रोजगार के नए अवसर सृजन करेगी ड्रोन तकनीक: सिंधिया
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आगे आने वाले समय में ड्रोन तकनीक से विश्व की अर्थ-व्यवस्था और जीवन में बड़े बदलाव आयेंगे। खुशी की बात है कि ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल में मप्र देश का अव्वल राज्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि ऐसी तकनीक हो जो जन-जन की जिंदगी में बदलाव लाए। संधिया ने कहा कि रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य हर क्षेत्र में ड्रोन तकनीक क्रांतिकारी साबित हो रही है। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने घोषणा की कि प्रदेश में पाँच ड्रोन स्कूल ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सतना में खुलेंगे।
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