ग्वालियर। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Agriculture and Farmers Welfare Minister Narendra Singh Tomar) ने कहा कि जल ईश्वर और प्रकृति की ओर से दिया गया सबसे बड़ा उपहार है। इसलिए हमें इसका उपभोग नहीं, उपयोग करना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री तोमर शनिवार को ग्वालियर में राष्ट्रीय जल सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। स्थानीय भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन में तोमर ने कहा कि जल, हवा और सूर्य ताप प्रकृति के उपहार हैं। अगर हम प्रकृति के इन उपहारों के साथ अनावश्यक छेड़छाड़ करेंगे तो असंतुलन पैदा होगा और मानव समाज के साथ-साथ सभी प्राणियों को इसके दुष्परिणाम भुगतने होंगे। इसलिए हम सबकी सामूहिक जवाबदेही है कि हम प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में अपना योगदान दें।
उन्होंने कहा कि गिरता हुआ जल स्तर विशेष चिंताजनक है। इसलिए हमें न केवल खुद पानी सहेजना है बल्कि लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि डायबिटिक फुड्स के बढ़ते चलन के कारण चिंताजनक परिस्थितियां बन रही हैं। खुशी की बात है कि भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को मिलिट्स ईयर घोषित किया है। इससे मिलिट्स फूड को बढ़ावा मिलेगा।
सम्मेलन में जल पुरुष के नाम से विख्यात राजेन्द्र सिंह ने कहा कि देश में 90 भू-सांस्कृतिक केंद्र हैं। देश के कृषि विश्वविद्यालयों को चाहिए कि इन भू-सांस्कृतिक केंद्रों और एग्रो क्लायमेटिक जोन में किसानों को ऐसी फसलें लेने के लिए जागरूक करें जो कम पानी में अधिक पैदावार देती हैं। एग्रो क्लायमेटिक जोन के अनुसार फसलें बोने पर केवल 40 प्रतिशत पानी के साथ उत्पादन लिया जा सकता है।
कार्यक्रम में तेलंगाना वाटर रिसोर्स संस्था के चेयरमैन प्रकाश राव, तमिलनाडु से जल यात्रा लेकर आए गुरुस्वामी जी, आंध्रप्रदेश से पधारे जल योद्धा सत्यनारायण कुलसेठी तथा डॉ. संजय सिंह एवं मानसिंह राजपूत सहित अन्य जल योद्धा मौजूद थे। (एजेंसी, हि.स.)
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