भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार कर दिया। लगभग 40 मिनट तक अदालत में बहस चली। मामले में अधिवक्ता विवेक तन्खा ने कहा, अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। पुराने आरक्षण पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर विभिन्न लोगों ने याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी। सभी याचिकाओं पर गुरुवार को एक साथ सुनवाई हुई। इसके साथ ही अब पंचायत चुनाव का घमासान तेज होगा। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डबलबेंच ने ग्वालियर बेंच में जस्टिस रोहित आर्या की अध्यक्षता वाली युगलपीठ के आदेश को यथावत रखा। कोर्ट ने कहा कि जब ग्वालियर खंडपीठ ने स्टे देने से पहले ही मना कर दिया था, तो बेंच बदलने से क्या होगा? याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कही है।
रोटेशन व्यवस्था के खिलाफ है अध्यादेश
याचिका में कहा गया था कि पंचायत कानून में रोटेशन व्यवस्था की गई है। अध्यादेश रोटेशन व्यवस्था के खिलाफ है। 2018 में निवाडी जिला बना था। बिना सीमांकन किये नए जिले में पंचायत चुनाव नहीं कराया जा सकता है। जिला पंचायत, जनपद पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद भी रोटेशन प्रक्रिया के तहत निर्धारित होने चाहिए।
तनखा ने कहा- सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने कहा कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। बेंच का कहना था कि इससे पहले ग्वालियर बेंच ने पंचायत चुनाव संबंधित याचिका पर रोक लगाने की अंतरित राहत से इंकार कर दिया था। ग्वालियर बेंच ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायिक अनुशासन की वजह से दूसरी बेंच इस मामले में अलग नजरिया नहीं ले सकती है। इस वजह से हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
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