नई दिल्ली: तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर इलाके में बुधवार (8 दिसंबर) को भारतीय वायु सेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका रावत (Madhulika Rawat) के समेत 13 लोगों का निधन हो गया. बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के पार्थिव शरीर आज (9 दिसंबर) सैन्य विमान से दिल्ली लाया जाएगा और कल दिल्ली में अंतिम संस्कार किया जाएगा.
बचपन में देखा था सेना में शामिल होने का सपना
मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले बिपिन रावत ने बचपन में ही भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देखा था. बिपिन रावत से जुड़े बहुत सारे किस्से हैं, जिन्हें लोग याद कर रहे हैं. ऐसा ही एक किस्सा नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में सेलेक्शन का है, जिसके बारे में उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में बताया था.
नेशनल डिफेंस एकेडमी में एंट्री का किस्सा
बिपिन रावत ने कहा था, ‘यूपीएससी द्वारा आयोजित नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की लिखित परीक्षा को पास करने के बाद उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था. इस सेलेक्शन के लिए मैं इलाहाबाद गया था, जहां 4 से 5 दिनों की सख्त ट्रेनिंग और टेस्टिंग के बाद फाइनल इंटरव्यू होना था.’ इंटरव्यू के लिए सभी कैंडिडेट एक कमरे के बाहर लाइन में खड़े थे और इस दौरान बिपिन रावत थोड़ा नर्वस हो गए थे, क्योंकि यही मौका था जो एनडीए में एंट्री दिला सकते थे या फिर बाहर कर सकते थे.
माचिस की डिबिया ने एनडीए में दिलाई एंट्री
बिपिन रावत ने बताया, ‘इंटरव्यू हॉल में ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी मौजूद थे. उन्होंने मेरी हॉबी पूछी. मैं उन्हें बताया कि मुझे ट्रैकिंग का बहुत शौक है. उन्होंने पूछा कि यदि आपको ट्रैकिंग पर जाना हो और वो ट्रैकिंग 4-5 दिन की हो तो आप एक सबसे अहम सामान का नाम बताएं जो आप अपने पास रखना चाहेंगे? इस पर मैंने कहा था कि ऐसी स्थिति में में अपने पास माचिस रखूंगा.’
इस पर अधिकारी ने पूछा कि माचिस ही क्यों? तो बिपिन रावत ने कहा कि माचिस से मैं बहुत सारे काम कर सकता हूं? बिपिन रावत ने उनसे कहा था, ‘जब आदिकाल में मनुष्य जंगलों में रहा करता था तो उसने सबसे पहले आग की खोज की थी, इसलिए मेरी नजर में मेरे लिए माचिस ही सबसे जरूरी है.’
2015 में भी दुर्घटना के शिकार हुए थे जनरल रावत
बहुत कम लोग जानते हैं कि साल 2015 में भी जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) इसी तरह की एक दुर्घटना का शिकार हुए थे. उस समय वो नागालैंड में पोस्टेड थे और उनका हेलीकॉप्टर एक ऑपरेशन के दौरान क्रैश हो गया था. इस हेलीकॉप्टर का नाम चीता है और ये भी काफी आधुनिक माना जाता है. इस हादसे के बाद काफी लोगों को लगा था कि जनरल बिपिन रावत इसमें सुरक्षित नहीं बचेंगे, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद ये खबर आई थी कि वो इस हादसे में बाल बाल बचे गए हैं.
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