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चुनाव से पहले उप्र में बढ़ता राजनैतिक तापमान

December 09, 2021

– मृत्युंजय दीक्षित

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो रही हैं। सत्तारूढ़ भाजपा ने भी 2014, 2017 और 2019 की सफलता दोहराने के लिये कमर कस ली है। भाजपा को इस बार सपा मुखिया अखिलेश यादव की विजय रैलियों में आ रही भीड़ से चुनौती मिलती नजर आ रही है। सपा की रैलियों से उसके नेताओं का मनोबल भी ऊंचा हो रहा है। इसे देखते हुए भाजपा ने भी दिन-प्रतिदिन की समीक्षा करते हुए अपने चुनाव अभियान को धार देने का काम प्रारंभ कर दिया है।

भाजपा राज्य में चुनावी बिगुल बजने के पहले छह यात्राएं निकालने जा रही है। जिसके जरिये केंद्र और प्रदेश सरकार की विकास गाथा सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचेगी। इन यात्राओं का समापन पिछली बार की तरह लखनऊ में होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक जनसभा को संबोधित करेंगे।

यात्राओं के कार्यक्रम तय करने के लिए आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के चुनाव से पहले जब यात्रा निकाली थी तब हमने पूर्ववर्ती सरकार की खामियों को जनता के बीच उजागर किया। इस बार हम अपनी उपलब्धियां बताने और उनका आशीर्वाद लेने जनता के बीच जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से चली आ रही परिवारवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, जातिवाद मत और मजहब के दायरे में कैद होकर चली आ रही राजनीति को प्रधानमंत्री ने बदला है।

भाजपा नेताओं को विश्वास है कि अयोध्या, मथुरा और काशी में चल रहे विकास कार्यक्रमों तथा कोरोना काल में जिस प्रकार बीजेपी व संघ के स्वयंसेवकों ने सेवा कार्य किया, उससे प्रदेश की जनता एकबार फिर भाजपा को तीन सौ सीटों के साथ बहुमत देगी। यह बात बिल्कुल सही है कि विगत पांच वर्षों में सरकार ने नये भारत की स्थापना के लिए जिस अभियान को आगे बढ़ाया, आज वह प्रत्येक नागरिक की जुबान पर है।आज अयोध्या, मथुरा, काशी सहित हिंदू समाज के सभी मंदिरों व तीर्थस्थलों का विकास हो रहा है। दिसम्बर माह के दूसरे पखवारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने वाले हैं। काशी में बीजेपी का महामंथन भी होने जा रहा है।

योगी सरकार ने मथुरा-वृंदावन का विकास करने में भी कसर बाकी नहीं रखी है। मथुरा-वृंदावन को नगर निगम घोषित करने के बाद वहां मांस-मदिरा की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया। अवैध बूचड़खाने बंद किये गये। अयोध्या से चित्रकूट तक भव्य दीपोत्सव मनाकर भगवान राम से जुड़े सभी तीर्थस्थलों को अंतरराष्ट्रीय फलक पर स्थापित किया जा रहा है। योगी सरकार के कार्यकाल में ही दिव्य और भव्य कुंभ का आयोजन हुआ। प्रदेश की जनता को पता है कि प्रदेश में योगी सरकार ही हिंदू धर्म व सनातन संस्कृति की रक्षा करने में समर्थ है। यही कारण है कि प्रदेश में हिंदुत्व की जड़ों को हिलाने के लिए सलमान खुर्शीद सरीखे नेता हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस व बोको हरम जैसे आतंकी संगठनों से कर रहे हैं।

भाजपा की चुनावी तैयारियों के बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक ट्वीट कर राजनैतिक सनसनी मचा दी है। जिस दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या दौरे पर जाना था ठीक उसी दिन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया- “अयोध्या काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है, मथुरा की तैयारी है।” इसके आगे उन्होंने लिखा जय श्रीराम जय शिव-शम्भू जय श्री राधे कृष्ण। बस फिर क्या था, सोशल मीडिया से लेकर टीवी चैनलों पर बहस शुरू हो गयी।

उपमुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद विपक्षी दलों की ओर से कहा गया कि विधानसभा चुनाव में कड़े मुकाबले का अहसास होते ही भाजपा ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का खेल शुरू कर दिया है। सभी सेकुलर दल परेशान-हैरान हो गये कि चुनाव के पहले मथुरा में कुछ नया तो नहीं होने जा रहा है। मथुरा में भी अयोध्या की तरह विवादित स्थल से शाही ईदगाह को हटाने की मांग की जा रही है। ईदगाह हटाने की मांग को लेकर मथुरा की जिला एवं सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में वाद दाखिल किये गए हैं जो विचाराधीन हैं और सुनवाई चल भी रही है।

मथुरा पर बीजेपी नेताओं के बयानों के बाद सेकुलर दलों ने एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। इनका कहना है कि बीजेपी नेताओं के बयान एक सुनियोजित साजिश हैं। बीजेपी ने साढ़े चार वर्षों में विकास का कोई काम नहीं किया इसलिये अब मथुरा का मुद्दा उठा लिया है।

जबकि राजनैतिक विश्लेषकों के अनुसार, भाजपा का यह बयान बहुत सधी हुई राजनीति के तहत दिया गया है। किसान आंदोलन के कारण बीजेपी को पश्चिम उप्र में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा था लेकिन कृषि कानूनों की वापसी के बाद वह मामला ठंडा पड़ता जा रहा है। रणनीतिकारों का अनुमान है कि चुनाव आते-आते किसान आंदोलन पूरी तरह से समाप्त हो जायेगा और उसका कोई असर भी नहीं रह जायेगा। अभी तक पश्चिमी उप्र में बीजेपी के नेता ठीक से जनता के बीच जा नहीं पा रहे थे लेकिन अब एक बड़ा रास्ता खुल गया है, पश्चिमी उप्र की कमान गृहमंत्री अमित शाह को दी गयी है। इससे पहले पश्चिमी उप्र में ही योगी, मुजफ्फरनगर के दंगों और पलायन का मुद्दा जोर-शोर से उठा चुके हैं।

प्रदेश की पिछली सपा, बसपा की सरकारों में हिंदू धर्म व सनातन संस्कृति का अपमान सभी ने देखा है। कोई भी सेकुलर मुख्यमंत्री अयोध्या, मथुरा व काशी नहीं जाता था। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इसे बदलकर दिखाया। आज प्रदेश का विकास हो रहा है। यही कारण है कि बीजेपी नेताओं को पूरा विश्वास है कि विधानसभा चुनाव में तीन सौ सीटों का लक्ष्य हासिल कर लेगी।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

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