उज्जैन। मेले का औपचारिक उद्घाटन भी हो गया है और कल से मेला मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शुरु हो गए हैं परंतु मेले का अधिकांश भाग अभी भी अंधेरे में डूबा हुआ है। मेले में झूला व्यवसायियों ने बड़े झूले और मौत का कुआ आदि आयटम खड़े कर दिए हैं परंतु किसी का भी फिटनेस टेस्ट नहीं हुआ है। इस कारण न तो झूले चकरी चले और न ही दुकानों पर उचित प्रकाश की व्यवस्था है। अब मेले की अवधि में मात्र 9 दिन बचे हैं। ऐसे में इस बार मेला ठीक ढंग से नहीं लग पाया है।
कार्तिक मेले का इस बार रंग नहीं चल पाया, क्योंकि कोरोना गाइडलाइन के चलते मेले को लगाने में निर्णय की देरी हुई और उसके बाद टेंडर आदि प्रक्रिया भी उलझी पड़ी रही। ऐसे में कल रात 10 बजे जब मेले को देखा गया तो वहाँ सन्नाटा पसरा हुआ था। हालांकि यहाँ बड़ा नाव वाला झूला रात 10 बजे के पहले तक जनरेटर से चलाया जा रहा था। जबकि अभी तक किसी भी बड़े झूले का फिटनेस टेस्ट नहीं हो पाया है। इधर मेले में कुछ दुकानें लगी हुई थी, जहां ट्यूबलाइट चालू थी। बाकी छोटी रपट और बड़ी बड़े पुल पर किसी प्रकार की रोशनी नगर निगम द्वारा नहीं की गई थी। सिर्फ मंच पर जहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहे थे, वहाँ थोड़ी बहुत रोशनी थी। विद्युत ठेकेदार से विवाद के चलते अभी तक झूले चकरी नहीं चल पाए हैं। मेले में भी 100-150 लोग कल मौजूद थे। ज्यादा लोग भी मेला देखने नहीं आ रहे हैं। कुल मिलाकर इस बार का कार्तिक मेला फीका रहा। नगर निगम सांस्कृतिक कार्यक्रम की घोषणा जरूर कर दिए और आज स्थानीय कवि सम्मेलन है और आने वाले दिनों में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन होगा। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी मेले में व्यापारियों को ठीक ढंग से व्यापार नहीं मिल रहा है। व्यापारियों का कहना है कि अभी तक अवधि नहीं बढ़ाई है और न ही सुविधाएँ दी गई है। ऐसे में मेले का हमारा यह तीसरा साल भी खराब हुआ है और कोरोना के चलते पिछले 2 वर्षों में मेले में स्थिति खराब रही थी। इस वर्ष भी निर्णय की देरी के चलते 20 दिन बीतने को है, मेला अब तक नहीं लग पाया है। कार्तिक मेले में जहाँ कुछ बड़े झूले लगे हैं वहाँ नजदीक लगभग 10 से 12 फीट की दूरी पर ही हाईटेंशन लाईन गुजर रही है। विद्युत मंडल के साथ-साथ नगर निगम के अधिकारियों को भी मौके पर जाकर इसकी जाँच करनी चाहिए। अन्यथा बड़े झूले चलते वक्त कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है और सैकड़ों लोगों की जान जा सकती है। बताया जा रहा है कि कुछ झूले हाईटेंशन लाईन के काफी करीब लगे हुए हैं। यह भयानक हादसे को सीधा निमंत्रण देने जैसा है।
कार्तिक मेले के मंच पर कार्यक्रम तो हो रहे हैं लेकिन देखने वाले नहीं रहते
उज्जैन। कार्तिक मेला मंच पर प्रतिदिन प्रसतुतियाँ हो रही है। एक तो ठंड और दूसरी लोगों की रूचि नहीं होने के कारण सामने का पांडाल खाली पड़ी रहता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारंभ हुए। राजस्थानी लोक नृत्य एवं सदाबहार गीतों एवं राजस्थानी लोक नृत्य की प्रस्तुति हुई। सदाबहार गीत का कार्यक्रम प्रार्थना म्यूजिकल ग्रुप के कलाकारों द्वारा गणेश वंदना से प्रारंभ करते हुए देशभक्ति एवं सदाबहार गीतों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के पश्चात आकर सांस्कृतिक संस्था उज्जैन के हरीश पोद्दार एवं उनकी टीम द्वारा गणेश वंदना, घूमर ,कालबेलिया नृत्य, भवाई कई कार्यक्रम हो रहे हैं।
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