नई दिल्ली। देश में आज यानी 7 दिसंबर को भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर कई नेताओं ने देशवासियों को हार्दिक बधाई दी है। यह दिवस थलसेना, नौसेना और वायुसेना के जवानों के कल्याण हेतु मनाया जाता है। ये दिवस साल 1949 से मनाया जा रहा है।
आखिर क्या है इसका इतिहास, और क्यों मनाया जाता है
7 दिसंबर के दिन भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने के पीछे कारण यह है कि दरअसल, भारत को आजादी मिलने के बाद 28 अगस्त 1949 को भारत सरकार द्वारा भारतीय सेना के जवानों के कल्याण के लिए एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने 7 दिसंबर को प्रतिवर्ष झंडा दिवस मनाने के लिए चुना।
वहीं जवानों के कल्याण हेतु धन जमा करने के लिए समिति ने लोगों के बीच छोटे झंडे बांटकर, उससे चंदा इकट्ठा किया। इस झंडे में तीन रंग (लाल, गहरा नीला और हल्का नीला) तीनों सेनाओं को प्रदर्शित करते है। सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर किए गए धन संग्रह के तीन मुख्य उद्देश्य हैं। पहला युद्ध के समय हुई जनहानि में सहयोग। दूसरा सेना में कार्यरत कर्मियों और उनके परिवार के कल्याण और सहयोग के लिए और तीसरा सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार के कल्याण हेतु।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने koo पर दी बधाई
कई बड़े नेताओं ने देशवासियों को भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने koo में पोस्ट करते हुए लिखा कि आप सभी को ‘सशस्त्र सेना झंडा दिवस’ की हार्दिक बधाई। सशस्त्र बलों के वीरों का बलिदान, समर्पण व उनकी कर्मठता हम सभी के लिए महान प्रेरणा है। आइए, माँ भारती के सपूतों व उनके परिजनों के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करें एवं अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करें। जय हिंद!
नितिन गडकरी ने बधाई दी
वहीं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस अवसर पर लिखा कि देश के सम्मान की रक्षा के लिए हमारी सीमाओं पर बहादुरी से लड़ने वाले जवानों को सलाम। सशस्त्र सेना झंडा दिवस की बधाई…
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