पिंजरा नहीं था इसलिए हाथ में चिडिय़ा घर लेकर आए इलाज कराने
इंदौर। वन विभाग (Forest Department) से लेकर नगर निगम (Municipal Corporation) तक के अधिकारियों की नींद उड़ाने वाला तेंदुआ (Leopard) आज वन विभाग के ही नवरतन बाग (Navratan Bagh) गेस्ट हाउस के पास पकड़ा गया। तेंदुए (Leopard) को वन विभाग की ही महिला कर्मचारियों ने देखा तो वह दीवार फांदकर भाग गया। आनन फानन में अधिकारियों को सूचना मिलने के बाद तेंदुए को पकडऩे के लिए तत्काल कई टीमें जुट गई और आखिरकार उसे गेस्ट हाउस परिसर से ही पकड़ लिया गया। पिंजरा नहीं था इसलिए हाथ में चिडिय़ा घर इलाज कराने लेकर पहुंचे।
पिछले चार दिनों से लापता तेंदुए (Leopard) की खोज में वन विभाग (Forest Department) और नगर निगम अधिकारियों टीमें जुटी हुई थी। आज सुबह वन विभाग (Forest Department) के नवरतन बाग (Navratan Bagh) स्थित गेस्ट हाउस के पास काम कर रही महिलाओं को तेंदुआ नजर आया और उन्हें तत्काल अधिकारियों को सूचना दी। सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने पुष्टि के लिए परिसर में लगे कैमरों में जब खोज की तो उन्हें तेंदुआ (Leopard) नजर आया और उसके बाद अधिकारियों ने जाल बिछाकर तेंदुए को पकड़ लिया। पिंजरा नहीं होने के कारण जाल में ही तेंदुए (Leopard) को इंजेक्शन लगाकरबेहोश किया गया। 8 माह का तेंदुआ इतना मासूम था कि पकड़े जाने के बाद भी उसने हमले जैसी कोई हरकत नहीं की।
तेंदुए के पकड़ाने के बाद प्राणी संग्रहालय दर्शकों के लिए खुला
इंदौर आज सुबह नवरतन बाग में प्राणी संग्रहालय से भागा तेंदुआ पकड़ा गया इसके बाद प्राणी संग्रहालय को दर्शकों के लिए खोल दिया गया प्रभारी निगम आयुक्त भव्य मित्तल ने पूरे मामले की जानकारी अफसरों से ली और दोपहर 1:30 बजे से दशकों का आवागमन फिर शुरू हो गया।
वन्य प्राणी संग्रहालय (zoological museum) के अंदर लाए गए नेपानगर वन विभाग के पिंजरे से 100 घंटे से गायब लापता तेंदुए (Leopard) के बच्चे वाले मामले में मुख्य वन संरक्षक एचएस मोहंते का कहना है 8 माह के तेंदुए के बच्चे से किसी को कोई भी खतरा नहीं है, क्योंकि तेंदुए (Leopard) के बच्चे 12 माह से 18 माह के बीच शिकार करना सीख पाते है।
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