- स्थाई रूप से समस्या हल फिर भी नहीं होगी-कान्ह नदी के पानी को त्रिवेणी पर रोका जाएगा लेकिन स्टाप डेम ओवर फ्लो होने पर गेट खोले जाएँगे और फिर वही ढाक के तीन पात
उज्जैन। शनिश्चरी अमावस्या के पर्व स्नान के चलते शनि मंदिर पर त्रिवेणी संगम पर कान्ह नदी का गंदा पानी रोकने के लिए प्रशासन ने लगभग 4 लाख रुपये की लागत से अस्थाई मिट्टी का स्टाप डेम 3 दिसम्बर को बनाया गया जो 4 दिसम्बर की अल सुबह बह गया। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि मावठे की बारिश के चलते इंदौर से पानी की आवक बढऩे से यह मिट्टी का अस्थाई डेम बहा है लेकिन अब इस पर पक्का स्टाप डेम बनाने के लिए प्रारूप तैयार किया जाएगा, ताकि कान्ह नदी के गंदे पानी को क्षिप्रा नदी में मिलने से रोका जा सके। कार्यपालन यंत्री कमल कुवाल ने बताया कि शनिचरी अमावस्या पर कान्ह नदी का गंदा पानी शिप्रा नदी में ना मिले इसके लिए अस्थाई मिट्टी का स्टॉप डेम बनाया गया था, जिसकी लागत लगभग चार लाख आई थी लेकिन पानी आवक बढऩे से स्टॉप डेम बह गया। अब त्रिवेणी संगम पर पक्का स्टॉप डेम बढ़ाने की योजना तैयार की जा रही है। इसकी ऊंचाई, लंबाई, चौड़ाई कितनी रहेगी इन सब पहलुओं पर विचार करके योजना का प्रारूप तैयार किया जाएगा। स्टॉप डेम में लगभग 10 करोड़ की लागत आ सकती है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि त्रिवेणी संगम पर पक्का स्टॉप डेम बनाया जाएगा लेकिन जब पानी की आवक इसमें भी बढ़ जाएगी। तब इसके गेट भी खोलने पड़ेंगे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि 200 करोड़ की लागत से खान नदी का डायवर्शन किया गया और वह योजना फेल हो चुकी और खान नदी का गंदा पानी ज्यों का त्यों शिप्रा नदी में मिल रहा है लेकिन अब प्रशासन द्वारा त्रिवेणी पर खान नदी का गंदा पानी छपरा में मिलने से रोकने के लिए एक पक्का स्टॉप डेम बनाने की बात कही जा रही है, वहीं उनका यह भी कहना है कि पानी की आवक बढऩे पर स्टॉप डेम के गेट खोलने पड़ सकते हैं। ऐसे में स्पष्ट है कि त्रिवेणी संगम पर स्टॉप डेम बनाने में 10 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी खान नदी का पानी शिप्रा नदी में मिलने से नहीं रुक पाएगा। इस प्रकार शासन-प्रशासन की योजना एवं योजना बनाने वाले इंजीनियर एवं अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है। ऐसा इसलिए भी है कि खान नदी डायवर्शन पर शासन ने करोड़ों रुपए खर्च कर दिए लेकिन वह योजना फेल हो चुकी है और शनिचरी अमावस्या के पर्व पर ऐन वक्त पर बनाया गया मिट्टी का स्टॉप डेम बह गया और अब 10 करोड़ की पक्के स्टॉप डेम की योजना जो कि पानी की आवक बढऩे पर खान नदी के गंदे पानी को शिप्रा नदी में मिलने से रोक नहीं पाएगा। ऐसे में शासन-प्रशासन को स्थाई रूप से कान्ह नदी का गंदा पानी शिप्रा नदी में ना मिले, इसके लिए एक ही स्थाई परियोजना तैयार करने की आवश्यकता है जिसके चलते पूर्ण रूप से शिप्रा नदी में खान नदी के गंदे पानी को मिलने से रोका जा सके।