इंदौर। शहर में शेयर मार्केट में पैसा दोगुना करने के नाम पर एडवाइजरी कंपनी (advisory company) खोलकर लोगों के साथ ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से देखने में आ रहा है कि एक कंपनी बंद होती है तो आरोपी छूटने के बाद दूसरे स्थान पर नई कंपनी खोल लेते हैं। ऐसे तीन मामले हाल ही में सामने आए हैं।
एडवाइजरी कंपनी (advisory company) के नाम पर धोखाधड़ी के लिए इंदौर (Indore) कुख्यात हो चुका है। इंदौर में पिछले तीन साल में पुलिस, साइबर सेल (cyber cell), एसटीएफ (STF) लगभग 50 से अधिक एडवाइजरी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी हैं। कई आरोपी जेल भी गए तो कई फरार हो गए, लेकिन इसके बावजूद ये ठगोरे सुधरने को तैयार नहीं है। दो दिन पहले तिलकनगर पुलिस ने संविदनगर (Sanvidnagar) में ऑफिस पर छापा मारकर एडवाइजरी कंपनी चलने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार (Arrested) किया। ये सभी पुलिस रिमांड (police remand) पर हैं और 15 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी सामने आ चुकी है। इन लोगों ने पहले विजयनगर क्षेत्र (Vijayanagara Sectore) में कंपनी खोल रखी थी, लेकिन पुलिस की कार्रवाई के चलते उसे बंद कर संविदनगर में खोल ली थी।
इसके पहले एसटीएफ ने भी बंगाली चौराहे के पास दो एडवाइजरी कंपनियों पर छापे मारे थे। इनमें से एक कंपनी के संचालकों ने गीता भवन पर एडवाइजरी कंपनी खोल ली थी। ये दूसरी बार पकड़ में आए। इसी तरह एक अन्य कंपनी ने देवास में एडवाइजरी खोल ली थी और धोखाधड़ी शुरू कर दी थी। आरोपी को पकडऩे जब एसटीएफ की टीम वहां पहुची तो वह दोबारा पकड़ में आया। सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर एडवाइजरी कंपनी चलने वाले लोग ऐसे हैं, जिनको शेयर मार्केट (Share Market) का नाममात्र का भी ज्ञान नहीं है। ये पहले किसी कंपनी में काम करते थे और थोड़ा बहुत सीखकर अपनी कंपनी खोलकर धोखाधड़ी शुरू कर दी।
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