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    कितना घातक है नया वेरिएंट Omicron, इन देशों ने लगाया अफ्रीकी देशों पर जाने पर प्रतिबंध

  • November 28, 2021

    कोलंबो। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नए वेरिएंट को ‘ओमिक्रॉन’ (Omicron) नाम दिया है। इसके अलावा वेरिएंट में बड़ी संख्या में हुए म्यूटेशन्स ने भी जानकारों को चिंता में डाल दिया है।नए वेरिएंट की बारे में खबरें सामने आने के बाद अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, इजरायल, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों ने कई दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रा पर रोक लगा दी थी।
    श्रीलंका ने कोरोना के नए संस्करण ओमीक्रॉन के कारण छह दक्षिण अफ्रीकी देशों पर प्रतिबंध लगा दिया है। श्रीलंकाई स्वास्थ्य प्रशासन ने जानकारी दी कि रविवार से दक्षिण-अफ्रीका, बोत्सवाना, जिंबावे, नामीबिया, लिसोथो, एस्वाटिनी देशों से आने वालों पर रोक रहेगी।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना में मिले कोरोना वायरस के नए संस्करण बी.1.1.529 का नाम ओमीक्रॉन दिया है। उसे चिंता का कारण बताया गया है। इस श्रेणी के वायरस को अत्यधिक संक्रामक बताया गया है। डेल्टा वेरिएंट को भी इसी श्रेणी में रखा गया था। अभी 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में बी.1.1.529 वैरिएंट से संक्रमण का पहला मामला सामने आया। हालांकि इस वेरिएंट से संक्रमण का पता नौ नवंबर को टेस्ट के लिए आए एक सैंपल से चला था।



    विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधनम घेब्रेसस ने ट्वीट में बताया कि नया कोविड-19 वैरिएंट ओमीक्रॉन के बड़ी संख्या में म्यूटेशन हैं। इनमें से कुछ तो काफी चिंताजनक है। इसलिए हमें वैक्सीन को लेकर सजग होना होगा। प्रभाव को समझने के लिए व्यापक स्तर पर जांच करवानी होगी ताकि इसके जोखिमों और पब्लिक हेल्थ को ध्यान में रखते हुए समुचित इंतजाम किए जा सके।
    बता दें कि दक्षिण अफ्रीकी मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष एंजेलीक कोएट्जी ने स्पूतनिक को बताया कि इस वेरिएंट के परिणामस्वरूप हल्की बीमारी देखी जा रही हैं. उन्होंने कहा, ‘यह हल्की बीमारी दिखा रहा है, जिसमें मांसपेशियों में दर्ज और एक दिन के लिए थकान या दो दिनों तक बीमार रहना जैसे लक्षण हैं। अब तक हमने पाया है कि संक्रिमित खुशबू या गंध जाने की परेशानी का सामना नहीं कर नहीं कर रहे हैं। उन्हें हल्का कफ हो सकता है. ये कोई प्रमुख लक्षण नहीं हैं।’ उन्होंने बताया कि नए वेरिएंट से संक्रमित हुए कुछ लोग घर पर ही इलाज कर रहे हैं।
    दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक बिजली की रफ्तार से फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण के नए स्वरूप ओमिक्रॉन से निपटने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका में ही सबसे पहले कोरोना वायरस के इस बेहद संक्रामक स्वरूप की पहचान की गई है और दूसरे देश भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।

    दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार वृद्धि का अध्ययन करते हुए वैज्ञानिकों ने नए स्वरूप की पहचान की. नैदानिक ​​​​परीक्षणों से संकेत मिलता है कि नए मामलों में से 90 प्रतिशत के लिए यह स्वरूप जिम्मेदार है। प्रारंभिक अध्ययनों से पता चलता है कि इसकी प्रजनन दर 2 है, जिसका अर्थ है कि इससे संक्रमि प्रत्येक व्यक्ति के जरिये दो अन्य लोगों में संक्रमण फैलने की आशंका है।

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