इंदौर।बिना कोई अनुमति प्राप्त किए कागजों पर ही कालोनियों (colony) के नक्शे (map) बनाकर डायरियों पर माल धड़ल्ले से बेच दिया गया। जमीनी कारोबार में आई तेजी के चलते तगड़ी मुनाफाखोरी और सट्टेबाजी भी की गई, जिस पर कलेक्टर मनीष सिंह (collector manish singh) ने सख्ती से रोक लगा दी। एक दर्जन से अधिक प्रॉपर्टी ब्रोकर (properly broker) यानी दलालों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी करवाए, जिनकी लगातार पेशी चल रही है। अभी तक इन दलालों ने दो दर्जन से ज्यादा कालोनियों (colony) में 300 करोड़ से ज्यादा के भूखंड डायरियों पर ही बेच डाले हैं। हालांकि अब अगली किश्त लेना भी बंद कर दी और कुछ कालोनाइजरों (colonisers) ने पैसा भी लौटाना शुरू कर दिया है। सोमवार को नीलेश पोरवाल की पेशी भी होना है।
इंदौर जिले (indore district) की चारों दिशाओं में अंधाधुंध कालोनियां खेती की जमीनों पर ही कट गई। खंडवा रोड, बायपास, सुपर कॉरिडोर, कनाडिय़ा (Khandwa Road, Bypass, Super Corridor, Kanadia) सहित अन्य क्षेत्रों में जमीनों के भाव आसमान पर पहुंच गए और डायरियों पर करोड़ों का माल बिक गया। कलेक्टर मनीष सिंह े (Collector Manish Singh) इस मामले में सख्ती दिखाते हुए पिछले दिनों दलालों के खिलाफ कार्रवाई करवाई और अपर कलेक्टर राजेश राठौर को जांच सौंपी। जानकारी के मुताबिक नीलेश पोरवाल ने सात्विक विहार, ड्रीम बिल्डर्स, ड्रीम विक्टोरिया, नरीमन सिटी, तो संजय मालानी ने प्रणाम इंटरप्राइजेस, तिरुमाला, गणेश रियलिटी, कनक रेसीडेंसी और इसी टाउनशिपों में उमेश डेमला ने भी माल बेचा। वहीं गणेश रावत ने संस्कार सिटी और संसकार कॉरिडोर में डायरियों पर माल बेचने की जानकारी दी है। इसी तरह कमल गोयल ने योजना 114 के अलावा साकार सिटी, मौर्या सेंटर, ओमैक्स सहित अन्य कालोनियों में माल बेचा, तो हर्ष चुघ ने डीएलएफ, तो प्रशांत खंडेलवाल (Prashant Khandelwal) ने शहर के पुराने क्षेत्र रेसकोर्स रोड, पलासिया, साकेत (Race Course Road, Palasia, Saket) के अलावा पालीवाल नगर, सम्पत हिल्स, एम्पायर इस्टेट (Paliwal Nagar, Sampat Hills, Empire Estate) की जानकारी दी है। दो दिन पहले 9 ब्रोकरों की पेशी हुई थी और सोमवार को नीलेश पोरवाल को बुलाया है। अभी तक प्रशासन को 300 करोड़ से ज्यादा के डायरियों पर बीके भूखंडों की जानकारी हाथ लगी है। वहीं नैनोद में आदिनाथ ग्रीन नामक टाउनशिप, राजेन्द्र लोढ़ा की जमीन पर नवीन ने रेशो डील में की। यहां भी डायरियों पर भूखंड बेचे और साथ ही धरोहर के भूखंड भी डायरियों पर बेचने की जानकारी मिली है। हालांकि ये भूखंड वापस लेना भी शुरू कर दिए हैं। इसी तरह की जानकारी कुछ अन्य कालोनियों के मामले में भी सामने आई है। प्रशासन का कहना है कि इस मामले की जांच अभी जारी है और दलालों के साथ दोषी पाए कालोनाइजरों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
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