इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब प्रांत में एक मुस्लिम (Muslim) व्यक्ति और उसके तीन बेटों के खिलाफ मौलवी से बहस करना इतना भारी पड़ गया कि ईशनिंदा कानूनों (blasphemy laws) के तहत मामला दर्ज किया गया है। भारतीय सीमा के पास स्थित एक गांव में आरोपी शख्स चाहता था कि मस्जिद का मौलवी एक ईसाई पड़ोसी को दफनाए जाने के कार्यक्रम के बारे में मस्जिद से ऐलान करे लेकिन मौलवी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
बताया जा रहा हे कि यह मामला 18 नवंबर को पूर्वी शहर लाहौर के पास खोड़ी खुशाल सिंह गांव का बताया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आरोपी युवकों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया है। ‘अल जजीरा’ के मुताबिक, प्रारंभिक पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी युवक मुस्लिम (Muslim) थे।
उन्होंने अपनी मस्जिद से एक ईसाई व्यक्ति के अंतिम संस्कार की घोषणा करने से इनकार के बाद स्थानीय मौलवी के साथ बहस की थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे ही वे मस्जिद में पहुंचे, उन्होंने मस्जिद के इमाम को कोसना शुरू कर दिया। गिरफ्तार किए गए युवकों पर पाकिस्तान की दंड संहिता की धारा 295 और 298 के तहत आरोप लगाया गया है, जिसमें दो साल तक की जेल का प्रावधान है वैसे, पाकिस्तान ने कभी भी ईशनिंदा कानून के तहत किसी को फांसी नहीं दी है, लेकिन आरोपियों की भीड़ द्वारा हत्या के मामले जरूर सामने आए हैं।
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