नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Corona virus) के नए स्वरूप बी.1.1.529 (New Variant B.1.1.529) से दुनियाभर में बढ़ी चिंता के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक (World Health Organization Chief Scientist) सौम्या स्वामीनाथन (Soumya Swaminathan) ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19(Covid-19) के विकास पर डब्ल्यूएचओ(WHO) के तकनीकी सलाहकार समूह ने स्थिति की समीक्षा करने और संस्करण के संबंध में आगे के अध्ययन के लिए शुक्रवार को एक बैठक आयोजित की. इसके साथ ही उन्होंने दुनिया के देशों से नहीं घबराने और टीकाकरण(Vaccination) कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को मजबूत करने का भी आग्रह किया.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कोविड-19 संबंधी आनुवंशिक अनुक्रमण कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाली शेरोन पीकॉक ने कहा कि यह पता करने में अभी कई सप्ताह लगेंगे कि नए स्वरूप के खिलाफ मौजूदा कोविड रोधी टीके प्रभावी हैं या नहीं. पीकॉक ने यह भी कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि इस स्वरूप से अधिक घातक बीमारी होती है. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में जेनेटिक्स इंस्टिट्यूट के निदेशक फ्रेंकोइस बलौक्स ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका और विशेष रूप से इसके गौतेंग प्रांत में कोविड-19 के मामलों में तीव्र वृद्धि चिंताजनक है.
नए स्वरूप पर क्या कहते हैं दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिक
इस स्वरूप के बारे में दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों का कहना है कि देश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले प्रांत गौतेंग में महामारी के मामलों में हालिया वृद्धि के लिए यही उत्परिवर्तित स्वरूप जिम्मेदार हो सकता है. यह स्पष्ट नहीं है कि नया स्वरूप वास्तव में कहां से आया है, लेकिन पहली बार दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया और हांगकांग तथा बोत्सवाना के यात्रियों में भी इसका संक्रमण देखा गया है.
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