नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र (Winter session of parliament 2021) को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के नेतृत्व में गुरुवार को 10 जनपथ पर कांग्रेस की स्ट्रैटजी ग्रुप की बैठक (Congress strategy group meeting) बुलाई गई। सोनिया गांधी ने इस बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में राहुल गांधी और रणनीति समूह के अन्य सदस्य शामिल हुए। यह बैठक ममता बनर्जी की दिल्ली यात्रा और पूर्व कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़कर टीएमसी में शामिल होने के बाद हुई।
इस बैठक में 18 मुद्दों पर चर्चा हुई। इनमें 4 मुद्दे ऐसे रहे, जिन पर कांग्रेस मोदी सरकार पर संसद के शीतकालीन सत्र में हल्ला बोलेगी। पीएम मोदी ने 3 कृषि कानून वापस लेने का फैसला कर दिया है। ऐसे में बस शीतकालीन सत्र में MSP पर अलग कानून बनें, इसी सत्र में MSP कानून पर मुहर लगे और ये पास हो जाए. इस पर कांग्रेस का सबसे ज्यादा फोकस रहेगा।
वहीं कांग्रेस गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की भी मांग करेगी। जिस तरह जरूरी सामानों की कीमत बढ़ी है, उस पर भी कांग्रेस केंद्र सरकार को संसद में घेरेगी। वहीं भारत और चीन में जो विवाद की खबरें हाल में सामने आई थी, इस पर भी कांग्रेस केंद्र सरकार को बैकफुट पर धकेलने की कोशिश करेगी।
बैठक में तृणमूल कांग्रेस के पाले में कांग्रेसी नेताओं के जाने पर भी खूब बहस हुई। जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा आखिर ममता बनर्जी हमारी पार्टी के नेताओं को कैसे तोड़ सकती हैं? वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा के संसद के अंदर जनता का हित सबसे ऊपर है। सबको साथ ले कर चलेंगे. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मीडिया से बातचीत करते हुए टीएमसी के मुद्दे पर कहा कि सभी दलों को साथ लेकर चलेंगे, चाहें वह टीएमसी के हों या किसी और पार्टी के हों।
दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजर अब राष्ट्रीय राजनीति पर टिकी है। वह अपनी पार्टी को देश में प्रमुख विपक्षी पार्टी के तौर पर स्थापित करने की कोशिश में आक्रामक तरीके जुट गई हैं। असम, गोवा, बिहार, हरियाणा और मेघालय के बड़े कांग्रेसी नेताओं को अपने पाले में खींचकर टीएमसी ने देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए सिरदर्द बढ़ा दिया है। कांग्रेस की तुलना में यह क्षेत्रीय दल लोकसभा और राज्यसभा में भी कहीं अधिक सक्रिय रहा है।
‘संविधान में नहीं लिखा सोनिया से मिलना’
टीएमसी और कांग्रेस के बीच बढ़ती प्रतिद्वंदता ही एक वजह है कि ममता दिल्ली आईं और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से नहीं मिली हैं। इस बारे में पूछने पर ममता ने दो टूक कह दिया कि उनकी किसी से मुलाकात तय नहीं है और ऐसा संविधान में नहीं लिखा कि उनको दिल्ली आकर सोनिया गांधी से मिलना ही है।
टीएमसी ने की थी कांग्रेस पर मेगा स्ट्राइक
तृणमूल कांग्रेस अपनी विस्तारवादी रणनीति के तहत कांग्रेस के बड़े नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करा चुकी है. इसके अलावा गोवा के राजनीतिक गलियारे में टीएमसी ने पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरियो को अपने खेमे में लाकर कांग्रेस में बड़ी सेंध लगा दी है, तो वहीं दूसरी तरफ मेघालय में तृणमूल कांग्रेस की सर्जिकल स्ट्राइक ने पूरी कांग्रेस को खाली कर दिया है। बता दें कि मेघालय में पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा (Mukul Sangma) समेत कांग्रेस पार्टी के 17 में 12 विधायक तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए हैं।
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