- पुरानी बसों का जो हाल हुआ उससे कोई सबक नहीं सीखा निगम ने-ठेका प्रथा इन बसों को भी बर्बाद कर देगी
उज्जैन। शहर में सौ नई सीएनजी बसें लाने की तैयारी की जा रही है। जबकि पूर्व में जो बसें लाई गई थीं, उनमें से एक भी अब नही बची और उनके इंजिन तथा कलपुर्जे भी निकाल कर ले गए थे। नई सिटी बसें आ रही हैं तो इसमें अधिकारियो की जिम्मेदारी तय होना चाहिए कि 10 वर्षों तक यह बसें लोक परिवहन के लिए सेवा देती रहे और यह संदेश जाए कि जनता के पैसों से यह बसें खरीदी गई हैं।
अगले साल 2022 में शहर में चलाने के लिए सौ सीएनजी बसें राज्य सरकार देने जा रही है इन बसों में नगर निगम को खर्च कुछ कर नहीं करना होगा, उलटे नगर निगम की आय इन बसों से होगी। एक योजना के तहत राज्य सरकार 40 प्रतिशत और संबंधित ठेकेदार 60 प्रतिशत राशि मिलाएगा और इस राशि से बस खरीद कर नगर निगम को दी जाएगी। नगर निगम को इन बसों पर कुछ भी खर्च नहीं करना होगा उल्टा ठेकेदार की जो भी कमाई होगी उसमें से कुछ हिस्सा नगर निगम को दिया जाएगा और बसों पर जो भी विज्ञापन होंगे उससे भी नगर निगम को कमाई होगी। ऐसी सौ बसें अगले साल शहर में उतारी जाएंगी। उल्लेखनीय है कि नगर निगम को सिटी बस चलाने के लिए दी गई तो 11 साल में ही बसों का बंटाधार हो गया 90 के करीब बसें आई और इनमें से एक भी बस अब बची नहीं है। इस बार सरकार ने नगर निगम को बस संचालित करने का अधिकार नहीं दिया है सीधे ठेकेदार से ही पार्टनरशिप कर ली है और नगर निगम को बसें चलाने का टैक्स भर दे रहे हैं।