इंदौर। रेलवे स्टेशन (railway station) के वीआईपी गेट (VIP Gate) के पास बनी कार की पार्किंग में मनमानी वसूली को लेकर रोज विवाद हो रहे हैं। यहां दी जाने वाली स्लीप पर चार्ज नहीं लिखा जाता और जब यात्रियों के परिजन उन्हें छोडक़र वापस आते हैं तो उनसे अपने हिसाब से चार्ज वसूला जाता है। अधिकारियों (Officers) को भी इसकी जानकारी है, लेकिन कार्रवाई नहीं की जाती।
प्लेटफार्म (Platform) नंबर 4 पर वीआईपी गेट (VIP Gate) के पास 30 रुपए प्रत्येक चार घंटे के हिसाब से वाहनों से शुल्क वसूला जाता है। यहां पिक एंड ड्राप (Pick and Drop) फ्री है, लेकिन थोड़ी देर के लिए भी वाहन को रोका जाता है तो ठेकेदार के आदमी उनसे चार्ज वसूलने लगते हैं, जबकि गाड़ी थ्रू लेन में खड़ी रहती है। इसके साथ ही जो वाहन चालक अपने परिजनों को स्टेशन पर छोडऩे आते हैं या लेने आते हंै, उनसे भी पार्किंग शुल्क के नाम पर मनमानी वसूली की जाती है। जो स्लीप हाथ से दी जा रही है, उसमें केवल तारीख और वाहन का नंबर ही लिखा जाता है, वह भी अधूरा। नियमानुसार वाहन की जवाबदारी संबंधित ठेकेदार की होती है, लेकिन उस पर लिखा है कि वाहन अगर चोरी होता है तो हमारी जवाबदारी नहीं रहेगी। स्लीप पर शुल्क लिखा नहीं होने से कभी 40 तो कभी 50 रुपए की वसूली ठेेकेदार के लोगों द्वारा की जाती है। इसको लेकर आए दिन विवाद होते रहते हैं। कर्मचारी कभी-कभी 3 घंटे से ज्यादा समय की बात कहकर ज्यादा चार्ज वसूलते हैं। इस संबंध में पहले भी संबंधित ठेकेदार पर रेलवे अधिकारियों (Railway Officers) द्वारा 30 हजार रुपए का जुर्माना किया जा चुका है।
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