लखनऊ । उत्तर प्रदेश (UP) में गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना (Ganga E-way project) को पर्यावरण मंजूरी (Environmental clearance) मिल गई (Gets) है, जिससे देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण होगा।
सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार, राज्यस्तरीय पर्यावरण प्रभाव प्राधिकरण ने 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी जारी की, जिसके लिए निविदा प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।परियोजना की अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपये है। इसे पीपीपी मोड पर बनाया जाएगा और डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।
एक्सप्रेसवे मेरठ जिले के बिजौली गांव में मेरठ-बुलंदशहर राजमार्ग से शुरू होकर प्रयागराज जिले के जूडापुर दांडू गांव के पास प्रयागराज बाईपास पर समाप्त होगा।इसमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज सहित 12 जिले शामिल होंगे।
प्रवक्ता ने कहा, यह छह लेन का एक्सप्रेसवे होगा, जिसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है। परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण पर काम चल रहा है और अब तक हमने लगभग 94 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया है। अनुमान है कि इस दौरान लगभग 12,000 लोगों को अस्थायी रोजगार मिलेगा। इस मार्ग पर टोल प्लाजा के निर्माण के दौरान परियोजना के निर्माण के दौरान अन्य 1,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
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