प्रशासन तैयार कर रहा है सुप्रीम कोर्ट में पेश की जाने वाली रिपोर्ट…
इंदौर। जेल (Jail) में बंद नटवरलाल रीतेश अजमेरा (Ritesh Ajmera) उर्फ चम्पू (Champu) और उसके सहयोगी हैप्पी धवन (Happy Dhawan) के साथ पूछताछ के बाद प्रशासन द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पेश किए जाने वाले जवाब को तैयार किया जा रहा है। 26 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इस मामले की सुनवाई होना है, जिसमें शासन की ओर से यह जानकारी दी जाएगी कि पीडि़तों-निवेशकों के हित कैसे संरक्षित होंगे और उसके लिए शासन ने क्या प्रस्ताव तैयार किए हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ही जेल में बंद भूमाफियाओं (Land Mafia) से पूछताछ करने की छूट दी थी, जिसके चलते पुलिस-प्रशासन ने कई चौंकाने वाली जानकारी कुबूल भी करवाई है। चम्पू-चिराग (Champu-Chirag), धवन बंधुओं ने तो ठगी के रिकार्ड तोड़े, वहीं चम्पू ने नारायण अम्बिका इन्फ्रा लिमिटेड (Narayan Ambika Infra Ltd) के कर्ताधर्ता कैलाश गर्ग के साथ सेटेलाइट हिल्स (Satellite Hills ) में जो अनुबंध किया उसके बाद गर्ग ने भी बैंकों को 110 करोड़ की टोपी पहनाई। वहीं आयकर सहित अन्य विभागों को भी तगड़ा चूना लगाया है। वहीं किसानों से लेकर पीडि़तों को न्याय दिलाने की कवायद भी प्रशासन ने शुरू कर दी है।
अग्निबाण विगत कई वर्षों से इंदौरी भूमाफियाओं (Land Mafia) के कच्चे चिट्ठे उजागर करता रहा है। गृह निर्माण संस्थाओं (Housing Institutions) के साथ-साथ इन ठगोरों ने निजी कम्पनियां बनाकर भी जो टाउनशिप या अन्य प्रोजेक्ट किए उनमें भी करोड़ों रुपए के घोटाले कर रखे हैं। अभी फिनिक्स डेवकॉन और कालिंदी गोल्ड की जांच-पड़ताल में ही प्रशासन को चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। चम्पू के साथ सेटेलाइट हिल्स में 96 एकड़ का अनुबंध कैलाश गर्ग के साथ किया गया। उसने मोहन चुघ की एवलॉन्च रियलिटी में शामिल इन जमीनों को नारायण अम्बिका इन्फ्रा लिमिटेड में शामिल कर राष्ट्रीयकृत बैंकों को चूना लगाया। वहीं बिके हुए भूखंडों को जमीन के रूप में बैंकों में बंधक रख 110 करोड़ रुपए का लोन ले लिया। अब प्रशासन के सामने भी यह चुनौती है कि बैंक लोन का सेटलमेंट कैसे करवाया जाए, ताकि भूखंडों को छुड़वाया जा सके। चम्पू की तरह अम्बिका सॉल्वेक्स के कर्ताधर्ता रहे कैलाश गर्ग भी बड़े ठगोरे साबित हुए हैं। यूको बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक के साथ-साथ अपनी एक और फर्म रामकृष्णा सॉल्वेक्स प्रा.लि. के नाम से एग्जिम बैंक से 14 करोड़ का लोन ले रखा है। इतना ही नहीं, बैंकों के साथ-साथ आयकर विभाग को भी टोपी पहनाई। कुछ समय पूर्व कैलाश गर्ग की फर्मों पर आयकर विभाग ने छापे मारते हुए 1125 करोड़ की अघोषित आय उजागर की थी, उसमें से 600 करोड़ रुपए की सोयाबीन कागजों पर ही खरीदना पाया गया। अभी प्रशासन ने कैलाश गर्ग से भी पूछताछ की है। वहीं मोहन चुघ और उसके बेटे नीतेश से जुड़े अन्य मामले भी सामने आए हैं, जिसमें शिवालिक रियलिटी पिपल्याकुमार का भी एक बड़ा घोटाला है। वहीं अब प्रशासन किसानों के साथ पीडि़तों को न्याय दिलवाने के प्रयास में भी जुट गया है।
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