जयपुर । राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री (Former Rajasthan CM) वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) 23 नवंबर (November 23) से ‘मेवाड़ यात्रा’ (Mewad Yatra) शुरू (Start) करेंगी, जिसे 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए उनकी शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
कुछ दिन पहले मेवाड़ क्षेत्र से विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने हाल के उपचुनावों में पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप में उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाया था। कटारिया ने यह सवाल तब उठाया जब धारियावाड़ और वल्लभनगर उपचुनावों में हार के मद्देनजर वसुंधरा के समर्थकों ने अगले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के सीएम चेहरे के रूप में उनके नाम की सिफारिश की।
राजे की मेवाड़ यात्रा को कटारिया का राजनीतिक जवाब माना जा रहा है।विशेष रूप से, राजस्थान में एक तरह का पोस्टर युद्ध छिड़ा हुआ है क्योंकि राजे के पोस्टर राज्य पार्टी मुख्यालय के साथ-साथ उपचुनावों के पोस्टर से भी हटा दिए गए थे।
पूर्व मंत्री यूनुस खान, राजपाल सिंह शेखावत, कालूलाल गुर्जर, श्रीचंद कृपलानी आदि सहित राजे के वफादार उनके विरोधियों को एक राजनीतिक संदेश देने की रणनीति के तहत इस दौरे को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।कार्यक्रम के अनुसार, राजे 23 नवंबर को सांवरियाजी मंदिर, 24 नवंबर को उदयपुर और राजसमंद और 25 नवंबर को भीलवाड़ा में पूजा करेंगी, जहां वह विभिन्न मंदिरों में दर्शन करेंगी।
इस बीच पार्टी पदाधिकारियों ने राजे के दौरे से दूरी बना ली है। उनके मुताबिक, पार्टी के पदाधिकारी ‘चिंतन बैठक’ की तैयारी में जुटे हुए हैं, जिसके तहत 2023 के चुनाव की तैयारी के लिए विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है,साथ ही जल्द होने वाली राज्य कार्यकारिणी की बैठक को लेकर भी तैयारियां जोरों पर हैं। पार्टी ने कहा, “आगे, हम 15 दिसंबर के मेगा विरोध के अलावा पार्टी के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की यात्रा की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें लगभग 5 लाख लोगों के बिगड़ती कानून व्यवस्था, कृषि ऋण के मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए इकट्ठा होने की उम्मीद है।”
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