भोपाल। प्रदेश में ग्राम सभाओं को अधिकार देने के लिए राज्य सरकार विधेयक ला रही है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत किया जा सकता है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इसकी तैयारी प्रारंभ कर दी है। इसके माध्यम से ग्रामसभाओं को ग्राम के विकास कार्यों की कार्ययोजना बनाने से लेकर बाजार व मेले से लिए जाने वाले शुल्क तय करने का अधिकार होगा। ग्रामसभा में गांव के सभी वयस्क सदस्य होंगे और आमराय से सारे निर्णय लिए जाएंगे। गांव की विकास योजना भी ग्रामीण मिल-बैठकर तय करेंगे। ग्राम विकास योजना के आधार पर ग्रामसभा गांवों में कराए जाने वाले कामों की प्राथमिकता तय करेगी। पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए गांव में लगने वाले बाजार, मेले आदि से लिया जाने वाला शुल्क भी ग्रामसभा तय करेगी।
पेसा अधिनियम के तहत 89 आदिवासी विकासखंडों में आने वाले गांवों में साहूकारी के लिए पंजीयन किया जाना है या नहीं, इसके लिए अनुमति भी ग्रामसभा देगी। ग्रामसभा यदि एकमत होकर साहूकारी के लिए पंजीयन से इन्कार कर देती है तो फिर पंजीयन नहीं होगा।
अधिसूचित क्षेत्रों के विधेयक जरूरी
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अनुसूचित क्षेत्रों में व्यवस्था संबंधी किसी भी प्रकार का बदलाव करने के लिए विधानसभा की अनुमति जरूरी है, इसलिए विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। इस पर पहले वरिष्ठ सचिव समिति में विचार किया जाएगा और फिर विधि विभाग को भेजा जाएगा। यहां से हरी झंडी मिलने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष विचार के लिए रखा जाएगा।
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