भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पिछोर स्थित केंद्रीय सहकारी बैंक (Central Co-operative Bank Pichhore) में हुए घोटाले के मामले में राज्य सरकार ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है। मामले में 6 कर्मचारियों को निलंबित (6 employees suspended) कर दिया गया है, जबकि एक को बर्खास्त करते हुए एक अन्य अधिकारी के विरुद्ध एफआईआर (FIR against one officer) दर्ज कराई गई है।
सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा कि सहकारी बैंक में अनियमितता, गबन, घोटाला में लिप्त अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। भ्रष्टाचार के प्रकरण में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ग्वालियर की पिछोर शाखा में बैंक राशि की हेरा-फेरी करने में लिप्त पाए गए अधिकारी-कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
उन्होंने बताया कि आडिट टीम की जांच में सहकारी बैंक शाखा पिछोर में पदस्थ रहे तत्कालीन 4 लिपिक, 2 शाखा प्रबंधक और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, ग्वालियर के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी दोषी पाए गए। जांच में दोषी पाए जाने पर संविदा पर पदस्थ लिपिक जसवंत कुशवंशी की सेवाएं समाप्त की गई। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ग्वालियर के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरबीएस ठाकुर के विरुद्ध एफआईआर कराने की कार्रवाई की जा रही है।
इसके साथ शाखा प्रबंधक अरविंद सिंह तोमर, पीके श्रीवास्तव, लिपिक शिखा गुप्ता, लवली नाडिया, प्रशांत रामपुरिया, राघवेन्द्र पाल और भृत्य देवेन्द्र शर्मा को निलंबित किया गया है। यह सभी अधिकारी-कर्मचारी सहकारिता आयुक्त द्वारा गठित विशेष ऑडिट टीम की जाँच में प्रथम दृष्टया बैंक राशि में हेरा-फेरी और गबन करने के दोषी पाए गए हैं।
ज्ञातव्य है कि पिछोर शाखा की पूर्व में हुई जांच में कुछ को दोषी पाया गया और उनके विरुद्ध कार्रवाई की गई थी। इसके बाद प्राप्त शिकायत के आधार पर सहकारिता आयुक्त के द्वारा आडिट के लिए विशेष टीम गठित कर फिर से आडिट करवाया गया। (एजेंसी, हि.स.)
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