सीधी। जिले के प्रसिद्ध संजय टाइगर रिजर्व (Sanjay Tiger Reserve) का प्राकृतिक सौन्दर्य, घने जंगल, बारहमासी जल उपलब्धता वाली नदियों के कारण यहां बाघों एवं वन्यप्राणियों (tigers and wildlife) के लिए अनुकूल वातावरण है। मादा बाघ टी-18 की संजय टाइगर रिजर्व में बाघों के कुनबे को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है और वह रिजर्व क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र भी है।
मादा बाघ टी-18 परिक्षेत्र दुबरी के बघनार नाला के पास 4 शावकों के साथ देखी गई। यहां पहुंचने वाले पर्यटकों ने सोमवार को मादा बाघ को अपने नन्हें शावकों के साथ अठखेलियां करते देखा और सोशल मीडिया पर इसकी काफी सराहना की। नन्हे शावकों के अठखेलियों को देख कर पर्यटकों ने यहां के प्रबंधन की तारीफ करते हुए कहा कि संजय टाइगर रिजर्व सीधी को भविष्य में प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने के साथ-साथ देश के बाहर भी विदेशों में पहचान बनायेगा।
वर्तमान में संजय टाइगर रिजर्व सीधी में 14 वयस्क नर एवं मादा के अतिरिक्त 4 अवयस्क शावक, 3 शावक लगभग 10 माह के तथा 7 शावक 1-2 माह के है। जो स्वछन्द विचरण करते हुये प्राकृतिक रहवास में रहकर संजय टाइगर रिजर्व की सुन्दरता में वृद्धि कर रहे हैं।
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