नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के कारण लगभग 18 महीने से स्कूल बंद हैं। इन स्कूलों में वर्चुअल कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। ऐसे में एक रिपोर्ट ने इस व्यवस्था की कलई खोल कर रख दी है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में 60 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे इंटरनेट का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में रिमोट विकल्प पर चल रहे स्कूलों और शिक्षा की वैकल्पिक व्यवस्था को बड़ा झटका लगा है।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से किए गए इस स्टडी में सामने आया है कि 60 प्रतिशत स्कूली बच्चे वर्चुअल कक्षाओं को सिर्फ इसलिए नहीं देख पा रहे हैं, क्योंकि उनके पास इंटरनेट की व्यवस्था नहीं हैं। एक और स्टडी में सामने आया है कि ग्रामीण ही नहीं शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में भी आधे से ज्यादा अभिभावकों ने इंटरनेट सिग्नल और स्पीड को लेकर शिकायत की। इसके अलावा मोबाइल डेटा को लेकर भारी भरकम खर्चा भी उनके लिए मुसीबत बना हुआ है।
सिर्फ 20 प्रतिशच बच्चे ही कर पा रहे ऑनलाइन क्लास
रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ 20 प्रतिशत बच्चे ही ऐसे हैं, जो इस महामारी के दौर में पूरी तरह से ऑनलाइन क्लास कर पा रहे हैं। इनमें से भी सिर्फ आधे बच्चे ही लाइव क्लास में जुड़ पा रहे हैं।
बच्चों ने छोड़ा स्कूल
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इंटरनेट की समस्या के कारण करीब 38 प्रतिशत बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया। सर्वे में कहा गया है कि 38 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा कि ऑनलाइन क्लास सही तरीका नहीं है। इसमें बच्चा उस तरह से पढ़ और समझ नहीं रहा, जैसा कि ऑफलाइन क्लास में होता है।
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