वॉर्सा। यूरोपीय संघ के सदस्य पोलैंड (EU member Poland) और रूस के अभिन्न मित्र बेलारूस (Russia’s best friend Belarus) के बीच भीषण जंग का खतरा मंडराने (danger of war looming) लगा है। बेलारूस(Belarus) के भारी तादाद में सीमा पर सैनिक तैनात(soldiers stationed on the border) करने की सूचना मिलने के बाद पोलैंड ने भी अपने भारी हथियारों से लैस 15 हजार सैनिक सीमा पर भेजे(Poland also sent its heavily armed 15 thousand soldiers to the border.) हैं। पोलैंड (Poland) ने आरोप लगाया है कि बेलारूस उनकी सीमा में आ रहे शरणार्थियों को हथियार दे रहा है ताकि वे ताकत के बल पर घुस जाएं। बताया जा रहा है कि पोलैंड के सैनिक आज इन हथियारबंद शरणार्थियों के खिलाफ ऐक्शन ले सकते हैं।
बेलारूस ने रूस से परमाणु बम की मांग की
प्रवक्ता ने कहा कि हम शरणार्थियों के बीच काफी शोरगुल सुन रहे हैं। वहां पर एक टीवी ब्रॉडकॉस्ट वैन भी वहां पर मौजूद है। कुछ टेंट अब गायब हो रहे हैं। शरणार्थियों को दिशानिर्देश, उपकरण और गैस बेलारूस से मिल रहे हैं। आप देख सकते हैं कि बेलारूस का पक्ष आज सीमा पार करने के लिए बड़ा प्रयास कर सकता है। हमारी सेनाएं कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।’ इससे पहले पोलैंड ने आरोप लगाया था कि बेलारूस के सैनिक पोलैंड में बड़े पैमाने पर शरणार्थियों की घुसपैठ कराने की फिराक में हैं।
इससे पहले बेलारूस ने पोलैंड के साथ जारी विवाद के बीच रूस से परमाणु बम की मांग की थी। राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने रूसी मीडिया के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि बेलारूस रूस की परमाणु हमला करने में सक्षम इस्कंदर मिसाइल सिस्टम को खरीदना चाहता है। लुकाशेंको ने यह भी ऐलान किया कि वह इन मिसाइल सिस्टम को अपने देश के दक्षिण और पश्चिम में तैनात करने की योजना बना रहे हैं। बेलारूस के दक्षिण में यूक्रेन और पश्चिम में पोलैंड है। इन दोनों देशों के साथ रूस और बेलारूस के संबंध बहुत खराब हैं। लुकाशेंको पर राष्ट्रपति चुनाव में धांधली कर जीतने का आरोप है।
रूस और बेलारूस के संबंध काफी मजबूत
रूस और बेलारूस के संबंध काफी मजबूत हैं। अक्सर इनकी तुलना अमेरिका और ब्रिटेन के संबंधों से की जाती है। यूरोपीय यूनियन ने बेलारूस पर आरोप लगाया है कि वह पोलैंड में अवैध रूप से हजारों प्रवासियों को दाखिल कराने की कोशिश कर रहा है। जिसके बाद पोलैंड ने भी अपनी सीमा पर सेना की तैनाती को बढ़ा दिया है। यूरोपीय यूनियन, अमेरिका और ब्रिटेन ने खुलकर बेलारूस की आलोचना की है। वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया है कि इस विवाद में उनके देश की कोई भूमिका नहीं है।
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