मुंबई। आज विश्व मधुमेह दिवस (world diabetes day) है। शोध में पता चला है कि शुगर की बीमारी तेजी से फैल रही है। गलत जीवनशैली और खानपान से यह कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बना रहा है। सावधानियां नहीं बरती गई तो आनेवाले दिनों में भारत (India) डायबिटीज की राजधानी बन सकता है। भविष्य में हर घर में शुगर का एक मरीज होगा।
स्वास्थ्य विभाग की ज्वाइन डायरेक्टर डॉ. पदमजा जोगेवार के अनुसार महाराष्ट्र की कुल आबादी के तकरीबन 10 फीसदी लोग मधुमेह की बीमारी से पीड़ित हैं। इनमें पुरुषों की संख्या दस और महिलाओं की संख्या आठ प्रतिशत के करीब है। यह संख्या बढ़ती जा रही है। अभी से नहीं संभला गया तो आने वाले दिनों में यह संख्या तीगुना हो सकती है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है।
राज्य के सभी जिलों में क्लीनिक है, जिसके माध्यम से मधुमेह रोगियों के इलाज की व्यवस्था की गई है। मेडिकल ऑफिसर इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को परामर्श देते हैं। इधर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार भारत में तकरीबन 77 मिलियन लोग मधुमेह बीमारी से ग्रस्त हैं, जबकि लगभग 80 मिलियन लोग प्री-डायबिटीज से पीड़ित हैं। वर्ष 2030 तक मधुमेह रोगियों का आंकड़ा 101 मिलियन तक पहुंचने की अनुमान है। चीन के बाद भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा लोग डायबिटीज के मरीज हैं।
डायबिटीज वैसे तो इंसान के शरीर में आम है। शुगर के तीन प्रकार हैं। जब इसका प्रमाण इंसान के शरीर में बढ़ता है तो वो साइलेंट हार्ट अटैक का काम भी करता है। इसके अलावा और भी कई बीमारियों को जन्म देता है। राष्ट्रीय कुटुंब आरोग्य सर्वेक्षण-5 के मुताबिक मुंबई में 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 17.5 फीसदी लोगों के खून में मधुमेह का प्रमाण अधिक है। मुंबई में पांच में से एक व्यक्ति यानी हर पांचवा व्यक्ति डायबिटीज का शिकार है, जो कि प्री डायबिटीज के संकेत को दर्शाता है।
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जो साइलेंट किलर (silent killer) का काम करती है। इस बीमारी से ग्रस्त मरीज को हार्ट अटैक आता है और बिना दर्द हुई ही उसकी अचानक मौत हो जाती है। अंतरराष्ट्रीय शोध फ्रीडम ट्रायल के मुताबिक 30 फीसदी डायबिटीज के मरीजों को साइलेंट अटैक आता है। एंजियोप्लाटिक और बायपास (Angioplatic and bypass) की करीब 10 लाख सर्जरी होती है, इनमें 80 प्रतिशत मरीज डायबिटीज से पीड़ित होते है। नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह पर उपचार ले मरीज स्वस्थ रह सकते है।
हार्ट सर्जन डॉ.पवन कुमार अंतर्राष्ट्रीय सर्वे के आधार पर बताते हैं कि शुगर के मरीजों को सबसे अधिक साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा होता है। करीब 30 प्रतिशत डायबिटीज के मरीजों को साइलेंट हार्ट अटैक आता है। लेकिन खून में शुगर का प्रमाण अधिक होने के कारण मरीजों को अटैक के दर्द का पता ही नहीं चलता है। दर्द का एहसास नहीं होने के कारण ही इसे साइलेंट अटैक कहते है। सामान्य मरीजों की अपेक्षा मधुमेह से ग्रसित मरीजों की कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज अधिक फैलता है और डिफ्यूज होता है। ब्लॉकेज के बाद मरीज अकसर सर्जरी से घबराते है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय शोध (international research) से साबित हुआ है कि नई तकनीक की सर्जरी पूरी तरह से सुरक्षित है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved